देवघरः इस बार लोकसभा चुनाव में वोटर जागरूक हो गये हैं. दागदार प्रत्याशी को चुनाव से दरकिनार करने के लिए बड़े-बड़े अभियान चल रहे हैं. झारखंड के राजमहल लोकसभा सीट पर भी सभी पार्टी ने इसे सुनिश्चित करने का फैसला लिया. यही कारण है कि राजमहल लोकसभा सीट से जितने भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, सभी के सभी बेदाग हैं. यानी उन पर एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. एक मात्र सीपीआइएम प्रत्याशी ज्योतिन सोरेन हैं जिन पर एक पॉलिटिकल मामला दर्ज है. उन पर भी कोई संगीन आरोप नहीं है.
सभी दलों ने रखा स्वच्छ छवि का ख्याल : भाजपा हो या झामुमो, झाविमो हो या सीपीआइ, आाजसू हो या बीएसपी या निर्दलीय हों, सभी के प्रत्याशियों ने जो हलफनामा नामांकन के वक्त दायर किया है, उसके अनुसार उनकी छवि साफ-सुथरी है. उन पर किसी भी तरह के छोटे-मोटे अपराध का भी मामला किसी थाने में दर्ज नहीं है. भाजपा ने जहां झामुमो से आये हेमलाल मुमरू को मैदान में उतारा है. वहीं झामुमो ने विजय हांसदा को उम्मीदवार बनाया है. झाविमो ने डॉ अनिल मुमरू, सीपीआइएम ने ज्योतिन सोरेन, बसपा ने अरुण मरांडी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कृष्णा सिंह, राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी ने वर्नाड हेम्ब्रम को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी ताला हांसदा, सुनीराम हेम्ब्रम और डॉ सुराय सोरेन भी अपने बेदाग छवि के सहारे चुनाव मैदान में खड़े हैं.
शैक्षणिक योग्यता में भी आगे हैं प्रत्याशी : जहां तक प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता की बात है तो 11 उम्मीदवारों में पांच को छोड़ सभी स्नातक या उससे ऊपर की अहर्ता रखते हैं. सबसे अधिक शिक्षित झाविमो प्रत्याशी डॉ अनिल मुमरू और निर्दलीय प्रत्याशी डॉ सुराय सोरेन पीएचडी डिग्री होल्डर हैं. वहीं आजसू उम्मीदवार अजरुन प्रसाद सिंह की शैक्षणिक योग्यता एमए -एलएलबी है. भाजपा उम्मीदवार हेमलाल, बीएसपी के अरुण मरांडी व सीपीआइ के ज्योतिन ग्रेजुएट हैं. वोटरों को अपना प्रत्याशी चुनने में परेशानी नहीं होगी. क्योंकि उम्मीदवार बेदाग और शैक्षणिक योग्यता से लबरेज हैं.