नयी दिल्ली: संप्रग सरकार का कार्यकाल समाप्त होने से लगभग एक महीने पहले सरकार भ्रष्टाचार रोधी लोकपाल का ढांचा तैयार करने की कोशिश कर रही है.प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 27 या 28 अप्रैल को लोकपाल चयन समिति की बैठक बुलाने का इरादा कर रहे हैं.सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश के विदिशा में चुनाव प्रचार में व्यस्त लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज सहित समिति के सदस्यों की सुविधा के मद्देनजर दो तारीखों पर विचार किया जा रहा है. प्रधानमंत्री के अलावा समिति में सुषमा, लोकसभा अध्यक्ष, भारत के प्रधान न्यायाधीश या उनके प्रतिनिधि तथा एक प्रख्यात न्यायविद् शामिल हैं.
समिति ने पिछली बैठक फरवरी में की थी. इस दौरान सुषमा ने न्यायविद् पी पी राव के मनोनयन का विरोध किया था. उन्होंने प्रख्यात वकील फली नरीमन और हरीश साल्वे के नाम सुझाये थे, जिसे नहीं माना गया.
सूत्रों ने बताया कि सरकार कार्यकाल समाप्त होने से पहले लोकपाल के गठन की प्रक्रिया पूरी करने की इच्छुक है. उसका मानना है कि ऐसा नहीं करने पर उसकी लोकपाल मसले पर गंभीरता पर सवाल उठेंगे. उन्होंने कहा कि यदि सुषमा की कोई आपत्ति होगी तो उसे दर्ज किया जाएगा. जनवरी में कानून बनने के बाद लोकपाल के गठन की प्रक्रिया अटक गयी थी क्योंकि सरकार और विपक्ष के बीच इसके सदस्यों को लेकर टकराव था.