।। राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की ग्यारह सीटों पर गुरूवार को नरेन्द्र मोदी की लहर और मुस्लिमों के मिजाज का इंतहान होगा. इन ग्याहर संसदीय सीटों पर कांग्रेस, भाजपा, बसपा और सपा के प्रमुख नेताओं ने रैलियां कर जाति और धर्म के आधार पर मतदाताअओं का ध्रुवीकरण करने का खुल कर प्रयास किया है. गन्ना किसानों को लुभाने की कोशिश भी जमकर हुई. पश्चिमी उत्तर प्रदेश, रुहेलखंड और तराई की इन 11 संसदीय सीटों से सबसे अधिक चार सीटों पर बीते लोकसभा चुनावों में सपा को सफलता मिली थी. जबकि कांग्रेस को तीन, भाजपा को दो और बसपा-रालोद को एक-एक सीट मिली थी.
पहले चरण के मतदान में चली मोदी लहर के चलते अब सपा के सामने अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की कड़ी चुनौती है. अब देखना यह है कि इन 11 संसदीय सीटों के एक करोड़ 80 लाख से अधिक मतदाता किस दल की तरफ अपनी इनायत करें. फिलहाल सभी राजनीतिक दलों का मानना है कि दूसरे चरण की कई सीटों पर 35 से 52 फीसदी मुस्लिम आबादी को देखते हुए यहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक रहेंगे. और उनका ध्रुवीकरण किसी भी प्रत्याशी को संसद पहुंचाने में मददगार होगा.
इसी वजह से बीते लोकसभा चुनावों में भाजपा इस चरण की कई सीटों पर मुकाबले से बाहर रही थी लेकिन इस बार मोदी लहर के चलते भाजपा अधिकतर सीटों पर मजबूती से लड़ती नजर आयी है. इस चरण में मेनका गांधी, संतोष गंगवार, धर्मेंद्र यादव, सलीम शेरवानी, जफर अली नकवी, बेगम नूर बानो, आजम खां, नबाव काजिम अली ऊर्फ नावेद मियां समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इनकी प्रतिष्ठा की रक्षा करने के लिए सोनियां गांधी, राहुल गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी ने चुनावी रैलियां भी की.
इन सीटों पर होगा मतदान
नगीना (सुरक्षित) : सपा ने यहां लोकसभा में प्रमोशन में रिजर्वेशन का बिल फाड़ने वाले मौजूदा सांसद यशबीर सिंह धोबी को मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला भाजपा के डॉ. यशवंत सिंह और बसपा के गिरीश चंद से है. कांग्रेस-रालोद समर्थित महान दल के भगवान दास, पीस पार्टी के शीशराम रवि और आम आदमी पार्टी की सारिका चौधरी मुकाबले को बहुकोणीय बनाने की कोशिश कर रही हैं.
मुरादाबाद : सपा, बसपा और कांग्रेस सभी अपना मुकाबला यहां भाजपा के ठाकुर सर्वेश सिंह से मान रहे हैं. मुस्लिम बहुल इस सीट पर नजरें भी मुसलमानों के मिजाज पर ही टिकी हैं. यहां बसपा से पूर्व मंत्री हाजी याकूब, सपा से पूर्व मेयर डॉ. एसटी हसन, कांग्रेस से पूर्व सांसद बेगम नूरबानो और पीस पार्टी से इंजीनियर इरफान मैदान में हैं. बीते लोकसभा चुनावों में यहां से क्रिकेटर अजहरुद्दीन ने जीत हासिल की थी.
रामपुर : सपा ने यहां से आजम खां के नजदीकी नसीर अहमद खां को चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने आजम खां के प्रतिद्वंद्वी काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को टिकट दिया है. बसपा से हाजी अकबर अली और भाजपा से एमएलसी नैपाल सिंह उम्मीदवार हैं. 52 फीसदी मुस्लिम आबादी वाली इस सीट पर मुसलमानों का समर्थन किसी भी प्रत्याशी का पलड़ा झुका सकता है. बीते लोकसभा चुनावों में फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा सपा के टिकट पर जीती थी.
संभल : सपा के शफीकुर्रहमान बर्क और बसपा के अकीलुर्रहमान खां के बीच कड़ा मुकबला है. कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम, भाजपा के सत्यपाल सैनी और राष्ट्रीय परिवर्तन दल के डीपी यादव चुनावी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है. यहां भी मुस्लिम मतदाता का रुझान चुनावी रुख तय करेगा. यहां कांग्रेस 2009 के चुनाव में तीसरे और 2004 के चुनाव में चौथे स्थान पर थी.
अमरोहा : अखिलेश सरकार में राज्यमंत्री कमाल अख्तर की पत्नी हुमेरा अख्तर इस सीट से सपा उम्मीदवार हैं. भाजपा ने कंवर सिंह तंवर, रालोद ने राकेश टिकैत, बसपा ने फरहत अली उर्फ हाजी शब्बन तथा आम आदमी पार्टी ने मौलाना कल्बे रुशैद को मैदान में उतारा है. इस सीट का नतीजा काफी कुछ जातीय गणित पर निर्भर करेगा. पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी यहां चौथे स्थान पर थे और जमानत भी न बचा पाए थे.
बदायूं : सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के भतीजे और मौजूदा सांसद धर्मेंद्र यादव यहां .स दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं. उनका मुकाबला बसपा के अकमल खां और भाजपा के वागीश पाठक से है. कांग्रेस से गठबंधन के तहत महान दल ने स्वामी पगलानंद और आम आदमी पार्टी ने हेमा मेहरा चुनाव मैदान में हैं. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यहां तीसरे और 2004 के चुनाव में चौथे स्थान पर थी.
आंवला : सपा ने तीन बार सांसद रह चुके कुंवर सर्वराज सिंह, भाजपा ने धर्मेंद्र कश्यप, कांग्रेस ने पांच बार बदायूं के सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी तथा बसपा ने दातागंज के विधायक की पत्नी सुनीता शाक्य को मैदान में उतारा है. मेनका गांधी बीते लोकसभा चुनावों में यहां से जीती थीं.सपा, कांग्रेस और बसपा की नजरें यहां मुस्लिम वोटों पर टिकी हैं. 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां प्रत्याशी नहीं उतारा था, जबकि, 2004 के चुनाव में कांग्रेस यहां चौथे स्थान पर थी.
बरेली : कांग्रेस ने यहां फिर प्रवीन कुमार ऐरन को अपना उम्मीदवार बनाया है. वह बीते लोकसभा चुनाव में यहां से जीते थे. भाजपा ने छह बार यहां से सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार तथा बसपा ने इनवर्टिस विश्वविद्यालय के चांसलर उमेश गौतम और सपा ने भोजीपुरा के विधायक शहजिल इस्लाम की पत्नी आयशा इस्लाम को मैदान में उतारा है. कांग्रेस और सपा को मुस्लिम वोटों से बहुत उम्मीदें हैं.
पीलीभीत : मेनका गांधी फिर से यहां से भाजपा के उम्मीवदार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. बसपा ने पूर्व मंत्री अनीस अहमद उर्फ फूलबाबू, कांग्रेस ने बिलासपुर (रामपुर) के विधायक संजय कपूर और सपा ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बुद्धसेन वर्मा को मेनका के खिलाफ मैदान में उतारा है. सभी प्रत्याशी अपना मुकाबला मेनका से मान रहे हैं. इस सीट पर मुस्लिम वोटों का रुझान हासिल करने वाला ही मेनका से मुकाबला करेगा.
शाहजहांपुर : इस सुरक्षित सीट पर 2009 में सपा के मिथलेश कुमार ने जीत दर्ज की थी. वह फिर से सपा प्रत्याशी हैं. उनकी पत्नी पुवायां से विधायक हैं. भाजपा ने मोहम्मदी की पूर्व विधायक कृष्णाराज तथा बसपा ने फूलन देवी के पति उम्मेद सिंह और कांग्रेस ने पुवायां से चार बार विधायक रह चुके चेतराम को मौका दिया है. बीते लोकसभा चुनावों में कांग्रेस यहां चौथे स्थान पर थी.
लखीमपुर खीरी : कांग्रेस के जफर अली नकवी बीते लोकसभा चुनावों में यहां से जीते थे. वह फिर चुनाव मैदान में हैं. जबकि भाजपा ने निघासन के विधायक अजय मिश्र उर्फ टेनी, सपा ने पूर्व सांसद रवि प्रकाश वर्मा और बसपा ने तीन बार विधायक रहे अरविंद गिरि को टिकट दिया है. यहां जातीय व धार्मिक समीकरणों को साधने की कोशिशें हो रही हैं.
दसरे चरण में कुल मतदाता : 18095233
पुरूष मतदाता : 9884827
महिला मतदाता : 8209340
11 सीटों पर कुल उम्मीदवार : 150
पोलिंग सेंटर : 12366
पोलिंग स्टेशन : 18910