धनबाद: उच्च न्यायालय ने बिहार कोलियरी कामगार यूनियन द्वारा 27 लोगों के नियोजन से संबंधित दायर याचिका खारिज कर दी. मुख्य न्यायाधीश आर बानुमति व न्यायाधीश चंद्रशेखर की दो सदस्यीय बेंच ने एलपीए नंबर 283/2013 की सुनवाई करते यह फैसला सुनाया. याचिका लोयाबाद कोक प्लांट के सुंदर दुसाध व अन्य 26 व्यक्तियों के नियोजन से जुड़ी हुई थी. हाइ कोर्ट ने 26 दिसंबर 2000 को सेंट्रल गवन्र्मेट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल नंबर-1 द्वारा पारित आदेश को निरस्त कर दिया.
क्या है मामला : बीसीसीएल के लोयाबाद कोक प्लांट में कार्यरत सुंदर दुसाध एवं 26 अन्य लोगों को नियमित करने की मांग करते हुए बिहार कोलियरी कामगार यूनियन उचित फोरम में गयी थी. बाद में मामले को ट्रिब्यूनल को हस्तांतरित कर दिया गया था. यूनियन का कहना था कि इन लोगों का कार्य नियमित प्रकृति का है. लेकिन इन्हें नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट के निर्धारित वेज से कम मिलता है.
सेंट्रल गवन्र्मेट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल नंबर-1 ने वर्ष 2000 में सभी 27 लोग, जो ऑपरेटिव सेक्युरिटी व कॉन्ट्रैक्ट वर्कर थे, को बीसीसीएल में नियोजन देने का आदेश दिया था. इस फैसले के खिलाफ बीसीसीएल प्रबंधन ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. कंपनी की अपील पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने वर्ष 2001 में ही औद्योगिक ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश को निरस्त कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ यूनियन 2013 में उच्च न्यायालय की डबल बेंच में चली गयी. 28 मार्च को मुख्य न्यायाधीश आर बानुमति व न्यायाधीश चंद्रशेखर की दो सदस्यीय बेंच ने सभी 27 लोगों के नियोजन से संबंधित अपील पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल के आदेश को निरस्त करने का फैसला सुनाया.