कोलकाता. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना एक ‘कल्पना’ है. उन्होंने अपने राज्य की गुजरात के साथ किसी भी तरह की तुलना को एक धनी, सुख सुविधाओं में पले-बढ़े और एक कुपोषित, उपेक्षित बच्चे के बीच की तुलना कह कर खारिज कर दिया.
तृणमूल सुप्रीमो ने यह भी कहा कि चुनावों के बाद संघीय मोरचा (फेडरल फ्रंट) की सरकार बनेगी. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की स्थिति में आर्थिक नतीजे की बेहतरी के बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा कि उनका (मोदी) प्रधानमंत्री होना एक कल्पना (फैंटेसी) है, इसलिए, उन्हें इस तरह के कल्पित सवालों का जवाब देने की जरूरत नहीं है.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि संघीय मोरचा भविष्य है. चुनावों के बाद संघीय मोरचा सरकार का गठन होगा. उन्होंने कहा कि बंगाल को भीख का कटोरा लेकर जाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा : हम पर जो बकाया है, हम केवल उसके बारे में ही कह रहे हैं. कर्ज माफी की मांग नयी नहीं है. 2011 के चुनावों के पहले भी प्रधानमंत्री ने तीन दशकों में वाम शासन के दौरान बंगाल पर लदे कर्ज को पुनर्गठित करने का वादा किया था.
केंद्र ने दिया धोखा
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने व वित्त मंत्री ने कई बैठकें कीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. केंद्र सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग गुजरात मॉडल के बारे में बात कर रहे हैं. वह बताना चाहेंगी कि कोई भी तुलना नहीं हो सकती. गुजरात वर्तमान मुख्यमंत्री के पहले ही विकासशील रहा. असल में, नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में गुजरात की विकास दर में गिरावट ही आयी है. उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों से उन्हें बहुत प्यार है. हमारे यहां की जनसंख्या के घनत्व को देखिये और तुलना कीजिये. उनके पास 19 बंदरगाह हैं, हमारे यहां केवल दो. फिर भी, बंगाल मॉडल काफी बेहतर है. यह पूछे जाने पर कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा को लेकर कांग्रेस से उनका रुख किस तरह अलग है, उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक छात्रों और उर्दू माध्यम के स्कूलों को 57 लाख वजीफे दिये गय.
चुनाव के समय कांग्रेस और भाजपा दोनों पर धार्मिक समूहों का तुष्टीकरण करने का आरोप लगाते हुए सुश्री बनर्जी ने याद किया कि एक शुभचिंतक ने उनसे एक बार कहा कि तृणमूल कांग्रेस मंदिर, मसजिद व चर्च के लिए खड़ी है. हम सभी के लिए काम करेंगे. ममता ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे कांग्रेस और भाजपा कहती कुछ है और करती कुछ और है. वे महिलाओं के आरक्षण विधेयक में 33 प्रतिशत आरक्षण की बात करते हैं. लेकिन उनके उम्मीदवारों में महिलाओं का कितना प्रतिशत है यह सभी को पता है. उन्होंने कहा कि भाजपा में केवल आठ प्रतिशत और कांग्रेस में 14 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं. 27 प्रतिशत महिला उम्मीदवार के साथ तृणमूल को गर्व है. हम अपने घोषणापत्र में फर्जी वादे नहीं करते.