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सात लाख से होगा कायाकल्प

औरंगाबाद (कोर्ट) : वर्षो से बदहाली पर आंसू बहा रहे जिला केंद्रीय लाइब्रेरी के दिन बहुत जल्द बहुरेंगे. औरंगाबाद में एकमात्र केंद्रीय पुस्तकालय पर नाज व गौरव करने वाले शहरवासियों के लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं है. तमाम उपेक्षाओं का दंश ङोल रहे जिला केंद्रीय पुस्तकालय के जीर्णोद्धार में सात लाख रुपये खर्च […]

औरंगाबाद (कोर्ट) : वर्षो से बदहाली पर आंसू बहा रहे जिला केंद्रीय लाइब्रेरी के दिन बहुत जल्द बहुरेंगे. औरंगाबाद में एकमात्र केंद्रीय पुस्तकालय पर नाज व गौरव करने वाले शहरवासियों के लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं है. तमाम उपेक्षाओं का दंश ङोल रहे जिला केंद्रीय पुस्तकालय के जीर्णोद्धार में सात लाख रुपये खर्च किये जाने की योजना है. कुछ कार्य भी प्रारंभ कर दिये गये हैं.

पुस्तकालय के ग्रंथ पाल मिथिलेश कुमार ने बताया कि पुस्तकालय के पिछले हिस्से में लगभग 300 स्कवायर फुट का एक हॉल का निर्माण कराया जा रहा है. शिक्षा विभाग की पहल पर यह निर्माण कार्य शुरू हो सका है. ग्रंथपाल ने इस दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा किये गये प्रयासों की भी सराहना की, कहा कि उनकी कोशिश से यह कार्य संभव हो सका है. 1918 में इस पुस्तकालय की स्थापना की गयी थी. दिन प्रतिदिन इसकी स्थिति जजर्र होती चली गयी. लेकिन इसके मरम्मत के लिए कोई पहल नहीं की गयी.

मिथिलेश कुमार यह भी बताया कि यह निर्माण कार्य बिहार शिक्षा परियोजना की देखरेख में कराया जा रहा है. हालांकि इसके नवनिर्माण के लिए वर्ष 2007 में ही राशि उपलब्ध करा दी गयी थी.

अतिक्रमण से हो रही परेशानी

जिला केंद्रीय पुस्तकालय के पिछले अतिक्रमण किया गया नाला जीर्णोद्धार में बाधक साबित हो रहा है. ग्रंथपाल मिथलेश कुमार ने बताया कि इस नाले को अतिक्रमण मुक्त करने संबंधित आवेदन नगर परिषद को दिया गया है. पर, नगर परिषद के उदासीन रवैये से अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. इससे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है.

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