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एनसीवीटी ने दिया री-एफिलिएशन का आदेश

धनबाद: पांच साल या उससे अधिक समय से चलने वाले सरकारी व निजी आइटीआइ संस्थानों को अब री-एफिलिएशन कराना जरूरी हो गया है. एनसीवीटी की ओर से जारी इस अधिसूचना से आइटीआइ संस्थानों में खलबली मच गयी है. प्रभात खबर में बुधवार को आइटीआइ संस्थानों को कराना होगा री-एफिलिएशन शीर्षक से इस आशय की खबर […]

धनबाद: पांच साल या उससे अधिक समय से चलने वाले सरकारी व निजी आइटीआइ संस्थानों को अब री-एफिलिएशन कराना जरूरी हो गया है. एनसीवीटी की ओर से जारी इस अधिसूचना से आइटीआइ संस्थानों में खलबली मच गयी है. प्रभात खबर में बुधवार को आइटीआइ संस्थानों को कराना होगा री-एफिलिएशन शीर्षक से इस आशय की खबर भी प्रकाशित की थी.

क्या होगा आगे : पांच साल या उससे अधिक समय से चलने वाले आइटीआइ एनसीवीटी की मान्यता मुक्त हो गये हैं. ऐसे में उक्त संस्थानों खास कर निजी आइटीआइ को यथाशीघ्र 65 हजार रुपये जमा कर अपने संस्थान का री-एफिलिएशन कराना होगा. क्योंकि अब उनके संस्थान में नया नामांकन बिना री-एफिलिएशन के नहीं हो सकेगा. इससे पहले एफिलिएशन के लिए संस्थानों को कोई राशि नहीं देनी होती थी.

कितने आइटीआइ संस्थान : जानकार सूत्रों के अनुसार राज्य में कुल 172 सरकारी व निजी आइटीआइ संचालित हैं. धनबाद जिला में यह संख्या 28 है. इन संस्थानों में नये 20 प्रतिशत संस्थानों पर अधिसूचना प्रभावी नहीं होगी.

निजी आइटीआइ की मांग : झारखंड निजी आइटीआइ एसोसिएशन के अध्यक्ष कुमार देव रंजन ने बताया कि संस्थानों को री-एफिलिएशन से आपत्ति नहीं, लेकिन यह नियम प्लान एक्शन के तहत लागू की जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन एनसीवीटी से अपील करेगा कि वह अधिसूचना के आलोक में यह स्पष्ट करे कि इसका कार्यान्वयन क्या सभी एक साथ करेंगे या बहुत पुराने संस्थान पहले करेंगे.

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