नयी दिल्ली: नरेन्द्र मोदी के करीबी माने जाने वाले अमित शाह की ‘बदला लेने’ संबंधी टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने आज उन्हें प्रथम द्रष्टया आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया.
आयोग ने भाजपा नेता से तीन दिन के भीतर यह स्पष्ट करने को कहा है कि उनके खिलाफ उत्तरप्रदेश के शामली, बिजनौर और मुजफ्फरनगर में चुनाव प्रचार के दौरान दिये उनके भाषण से आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर उन पर क्यो नहीं कार्रवाई शुरु की जाए.आयोग ने कहा, ‘‘ आयोग का प्रथम द्रष्टया में यह मत है कि आपने अपनी बात से आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है.’’
चुनाव आयोग की नोटिस के अनुसार, ‘‘आयोग आपको यह स्पष्ट करने का मौका देता है कि आप नौ अप्रैल 2014 को शाम 5 बजे से पहले अपना रुख स्पष्ट करें. ऐसा नहीं करने पर आयोग आगे आपको सूचित किये बिना ही इस पर कोई फैसला करेगी.’’ नोटिस में आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का जिक्र किया गया है जिसमें कहा गया है कि किसी भी पार्टी या उम्मीदवार को ऐसी किसी गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए जो विभिन्न जातियों और समुदाय तथा धार्मिक या भाषायी आधार पर घृणा या मतभेद या तनाव पैदा करे.
पार्टियों एवं उम्मीदवारों को ऐसी आलोचनाओं से बचना चाहिए जो किसी की निजी जिंदगी से संबंधित हो और नेता या कार्यकर्ता से सार्वजनिक कार्यो से जुडे नहीं हों.अमित शाह के उस बयान से विवाद पैदा हो गया जिसमें उन्होंने कहा कि आम चुनाव विशेष तौर पर उत्तरप्रदेश में चुनाव सम्मान के लिए हैं. यह चुनाव अपमान का बदला लेने का है. यह चुनाव उनको सबक सिखाने का है जिन्होंने अन्याय किया है.उत्तरप्रदेश में अधिकारियों ने कल अमित शाह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं.
भाजपा ने बिजनौर और मुजफ्फरनगर जिले में एफआईआर दर्ज करने की निंदा करते हुए कहा कि इसमें कोई दम नहीं है और यह उत्तरप्रदेश में साम्प्रदायिक रंग देने का सोची समझी योजना है. कांग्रेस ने शाह की टिप्पणी की निंदा करते हुए भाजपा के बचाव करने को खारिज कर दिया.