सीतामढ़ीः मंडल कारा में 17 मार्च को होली के दिन बंदियों के बवाल तथा चार बंदियों के फरार होने के मामले में कारा एवं सुधार सेवाएं के महानिरीक्षक (आइजी) प्रेम सिंह मीणा ने शनिवार को सहायक जेल अधीक्षक (जेलर) मृत्युंजय कुमार समेत एक कारा लिपिक एवं आठ कक्ष पाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. डीएम डॉ प्रतिमा की अनुशंसा के आलोक में उक्त कार्रवाई की गयी है. डीएम ने जेल आइजी द्वारा की गयी कार्रवाई की पुष्टि की है.
इन पर हुई कार्रवाई. निलंबित होने वालों में सहायक अधीक्षक मृत्युंजय कुमार के साथ कारा लिपिक मो जुबैर खान, कक्षपाल राम ईश्वर राय, मुन्ना सिंह, सुरेंद्र सिंह, अनुज कुमार यादव, इंद्रजीत कुमार, दिलजीत कुमार, मदन सिंह एवं संजय कुमार शामिल हैं. निलंबन अवधि में सभी को अलग-अलग कारा में पदस्थापित किया गया है. सहायक अधीक्षक मृत्युंजय को मंडल कारा, मुंगेर, मो जुबैर खान को सेंट्रल जेल, पूर्णिया, मुन्ना सिंह को मंडल कारा, मुंगेर, सुरेंद्र सिंह को विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर, अनुज कुमार यादव को शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, भागलपुर, इंद्रजीत कुमार को विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर, दिलजीत कुमार को मंडल कारा मुंगेर, मदन सिंह को शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, भागलपुर एवं संजय कुमार को मंडल कारा, पूर्णिया भेजा गया है.
तीन सदस्यीय टीम ने की थी जांच
जेल में उत्पन्न स्थिति को गंभीरता से लेते हुए डीएम डॉ प्रतिमा ने डीडीसी मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था. जांच टीम में डीडीसी के अलावा सदर एसडीओ महेंद्र कुमार एवं सदर डीएसपी मिथिला नंद उपाध्याय को शामिल किया गया था. डीएम को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में सहायक अधीक्षक समेत लिपिक और कक्ष पाल को दोषी पाया गया था. जेल आइजी ने भी अपने स्तर से अलग-अलग जांच टीम का गठन कर जांच करायी थी. कारा एवं सुधार सेवाएं के निदेशक(प्रोविजन चर्या) ओमप्रकाश गुप्ता के अलावा शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के अधीक्षक ई जितेंद्र कुमार ने भी जेल में पहुंच कर जांच किया था. हालांकि पूरे कार्रवाई में प्रभारी जेल अधीक्षक सह वरीय उप-समाहर्ता अविनाश कुमार को क्लीन चिट दे दिया गया था.