मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने पत्नी की हत्या के आरोपी एक व्यक्ति को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है.नासिक जिले में येओला निवासी दत्तू मुरलीधर माधवई पर अपनी पत्नी कविता के साथ मारपीट करने और उसे कुएं में धक्का देकर मारने का आरोप था लेकिन अभियोजन उसके खिलाफ इन आरोपों को साबित करने में असफल रहा. निचली अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा दी थी.
दत्तू के भाइयों मचिंद्र और रमेश पर भी आरोप था कि उन्होंने अपनी भाभी के साथ मारपीट की जिससे उसकी मौत हो गई लेकिन उन्हें भी बरी कर दिया गया. निचली अदालत ने इन दोनों को भादंसं की धारा 304 बी के तहत सात वर्ष कडे कारावास की सजा सुनाई थी.न्यायमूर्ति पी वी हरदास की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक अप्रैल को अपने आदेश में कहा, ‘‘ सबूतों पर अच्छी तरह विचार करने के बाद हमें लगता है कि अभियोजन आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में असफल रहा. इसलिए हमारी राय में अपीलकर्ता संदेह के लाभ का हकदार है.’’
अभियोजन पक्ष का आरोप था कि कविता के पति और ससुराल वालों ने ट्रैक्टर खरीदने के लिए उसे अपने माता पिता से 50,000 रपए लाने को कहा था. पीडिता के पिता ने मुख्य आरोपी को 10,000 रपए दिए थे और शेष रपए बाद में देने का वादा किया था. कविता के माता पिता ने 40,000 रपए नहीं दिए, इसलिए उसके साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. कविता 29 अगस्त 2003 को लापता हो गई थी और उसके पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. अगले दिन कविता का शव उसके घर के पास कुएं में मिला था.