नयी दिल्ली: सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद छिडी सियासी बहस के बीच आज जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन का ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र में सत्तारुढ दल से उन्हें अब भी ‘बहुत शिकायतें’ हैं, लेकिन देश में ‘सांप्रदायिक ताकतों’ को रोकने के लिए यह फैसला करना पडा है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में हालांकि, कांग्रेस की बजाय ‘सिर्फ’ तृणमूल कांग्रेस को वोट देने की अपील की. वहीं बिहार में उन्होंने राजद का समर्थन करने की हिमायत की है.इमाम ने कहा कि उत्तरप्रदेश में मुसलमान बसपा का समर्थन न करें, वे समाजवादी पार्टी के साथ जायें.
बुखारी ने अपने आवास पर ‘सांप्रदायिकता को भ्रष्टाचार से भी ज्यादा खतरनाक’ करार देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस समय सबसे बडा सवाल देश की एकता, अखंडता और धर्मनिरपेक्षता का है. इसलिए मेरी ही नहीं, करोडों हिंदुस्तानी जनता की यह ख्वाहिश है कि एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण हो जहां भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और अत्याचार के लिए कोई स्थान नहीं हो. तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद हमने आगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के समर्थन का फैसला किया है.’’
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘सोनिया गांधी से सांप्रदायिक दंगों, सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशों को लागू करने तथा मुसलमानों की जानमाल की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई. हम इसलिए कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं ताकि आने वाले समय में वह अपने वादों को पूरा करे.’’ इसके साथ ही शाही इमाम ने ममता बनर्जी के कार्यो की तारीफ करते हुए ‘धर्मनिरपेक्ष लोगों से’ पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की बजाय ‘सिर्फ तृणमूल कांग्रेस’ का साथ देने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की सरकार ने मुसलमानों की समस्याओं के समाधान के लिए कुछ कार्य किए हैं और ऐसा आभास होता है कि ममता बनर्जी भविष्य में भी गंभीरता से कार्य करेंगी. उन्होंने यह भी वादा किया है कि वह भविष्य में राजग के साथ नहीं जाएंगी. ऐसे में मैंने उनके समर्थन का फैसला किया है.’’