खगड़ियाः वित्तीय वर्ष 13-14 में कई बेरोजगारों को रोजगार के लिए ऋण नहीं मिल पाया है. जिससे ये लोग परेशान हैं और लगातार कार्यालयों के चक्कर लगाने को विवश हो रहे हैं. जिला स्तर पर लक्ष्य के अनुरूप 89 लोगों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत ऋण के लिए चयनित किया गया था. महीनों पूर्व चयनित अभ्यर्थियों/ बेराजगारों की सूची विभिन्न बैंकों के पास भेजी गयी थी.
राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ-साथ बिहार ग्रामीण बैंक को भी यह सूची भेजी गयी थी. राष्ट्रीयकृत बैंक के द्वारा जहां अधिकांश लोगों को ऋण की स्वीकृति देकर उन्हें ऋण मुहैया दिया गया हैं. वहीं ग्रामीण बैंक ऋण बांटने में असफल रहे हैं. जिससे लोग परेशान हैं. एलडीएम सजल चटराज के मुताबिक बिहार ग्रामीण बैंक की विभिन्न शाखाओं को 32 आवेदन भेजे गये थे. जो बैंकों में लंबित पड़े हुए हैं.
उन्होंने बताया कि ग्रामीण बैंक से संपर्क स्थापित करने के बाद यह बातें सामने आयी हैं कि अधिकांश आवेदनों की स्वीकृति दी जा चुकी हैं. किंतु तकनीकी कारणों से ऋण का वितरण नहीं हो पाया हैं. एलडीएम ने बताया कि डीएलसीसी की बैठक में बिहार ग्रामीण बैंक के प्रतिनिधि द्वारा यह सूचना दी गयी हैं कि 31 मार्च तक पांच लाख तक के आवेदकों को ऋण मुहैया करा दी जायेगी. वहीं राष्ट्रीयकृत बैंकों के द्वारा लगभग 70 प्रतिशत आवेदनों का निष्पादन (ऋण वितरण) किये जाने की बातें एलडीएम ने कही है.