नागपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद विलास मुत्तेमवार, भाजपा नेता नितिन गडकरी और आम आदमी पार्टी की सदस्य अंजलि दमानिया नागपुर लोकसभा सीट के लिए चुनाव मैदान में मौजूद 33 उम्मीदवारों में शामिल हैं. यहां 10 अप्रैल को मतदान होगा.
कुल 51 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. उनमें से 6 के पर्चे खारिज हो गए. नाम वापस लेने का आज आखिरी दिन था और 12 उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए जिससे 33 उम्मीदवार ही मैदान में बच गए हैं.
यहां भाजपा उम्मीदवार नीतिन गडकरी और कांग्रेस से सात बार सांसद रहे विलास मुत्तेमवार के बीच कांटे की टक्कर के आसार हैं. 1985 के विधानसभा चुनाव में पश्चिमी नागपुर सीट से अपने पहले सीधे चुनाव में हार का सामना करने के बाद गडकरी 29 वर्ष बाद लोकसभा चुनाव में खडे हुए हैं.
गडकरी भले ही भाजपा नेता के तौर पर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुके हैं लेकिन वह पार्टी के बडे नेताओं में एकमात्र ऐसे नेता हैं जो कि संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है. मुत्तेमवार 1980 से 2009 के बीच नागपुर से सात बार जीत दर्ज कर चुके हैं.
नागपुर को ‘संघ भूमि’ कहा जाता है क्योंकि 1925 में संघ का गठन यहीं हुआ था और इसका मुख्यालय भी यहीं पर है. भाजपा ने यहां से केवल एक बार 1996 में ही जीत दर्ज की. कांग्रेस का यहां पर पारंपरिक अल्पसंख्यक वोट बैंक है जिसमें मुस्लिम, ईसाई, दलित और अन्य पिछडा जाति मतदाता शामिल हैं. ऐसे छह से सात लाख मतदाता हैं जो हमेशा ही कांग्रेस के साथ जाते हैं.