।। सुनील कुमार ।।
रांची : दक्षिण-पूर्व रेलवे स्थानीय खिलाडि़यों की प्रतिभा पहचान उन्हें नौकरी देने में काफी उदार रहा है. रेलवे ने अब तक स्पोर्ट्स कोटा से असुंता लकड़ा, सुभद्रा प्रधान, सुमराई टेटे, विश्वासी पूर्ति, सावित्री पूर्ति, मसीरा सुरीन जैसी हॉकी खिलाडि़यों व एसपी गौतम, कुलदीप शर्मा जैसे क्रिकेटरों को नौकरी दी है. लेकिन पिछले एक-डेढ़ वर्षों से यहां होनेवाली नियुक्ति में स्थानीय खिलाडि़यों की अनदेखी व कम प्रतिभावान खिलाडि़यों को प्राथमिकता देकर अवैध नियुक्ति किये जाने की खबर है.
करीब छह महीने पहले दक्षिण-पूर्व रेलवे ने ग्रुप डी में स्पोर्ट्स कोटा के तहत पांच खिलाडि़यों की नियुक्ति के लिए इंप्लाइमेंट न्यूज (28 सितंबर 2013) में विज्ञापन निकाला. इसके तहत दो क्रिकेटरों (एक मध्यक्रम का बल्लेबाज व दूसरा तेज गेंदबाज), एक वॉलीबॉल खिलाड़ी (लिफ्टर) और दो हॉकी खिलाडि़यों (एक फुल बैक व दूसरा फॉरवर्ड) की नियुक्ति होनी थी. दिसंबर 2013 में हॉकी खिलाडि़यों का ट्रायल हुआ. इसमें दो फॉरवर्ड खिलाडि़यों का चयन किया गया, जबकि एक फुल बैक खिलाड़ी का चयन किया जाना था. ट्रायल में स्थानीय प्रतिभावान खिलाडि़यों की अनदेखी कर एक ओडि़शा और एक उत्तरप्रदेश की खिलाड़ी को चुना गया.
क्रिकेट खिलाडि़यों का ट्रायल 23 दिसंबर को किया जाना था, लेकिन चहेते खिलाडि़यों में से कोई भी अंतिम चयन के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका, जिसके कारण पर्सनल विभाग ने ट्रायल स्थगित कर दिया. इस बीच जनवरी 2014 में सिर्फ तेज गेंदबाज व वॉलीबॉल खिलाड़ी के लिए विज्ञापन निकाला गया, जबकि विभाग में दो क्रिकेटरों के लिए स्थान रिक्त है, जिसका ट्रायल 25 मार्च यानी मंगलवार को होना है.
खबर है कि ट्रायल में भाग लेने के लिए एक क्रिकेटर जमशेदपुर से रांची पहुंच चुका है (चार-पांच साल से क्रिकेट नहीं खेला है) और कार्मिक विभाग के एक चपरासी (जो इस प्रक्रिया में सक्रिय है) के यहां ठहरा हुआ है. वहीं वॉलीबॉल खिलाड़ी के लिए ट्रायल 26 मार्च को होगा.
* कार्मिक विभाग का अधिकारी व चपरासी है खेल के पीछे
वैसे तो खेल कोटे से किसी की नियुक्ति खेल विभाग (रेलवे) को ही करने का अधिकार है, लेकिन यहां खिलाडि़यों के ट्रायल से नियुक्ति तक में कार्मिक विभाग सक्रिय है. कार्मिक विभाग के एक शीर्ष अधिकारी की देखरेख में विभाग के ही चतुर्थ श्रेणी का एक कर्मचारी इन सब प्रक्रिया में लिप्त है. चतुर्थ श्रेणी के इस कर्मचारी ने आठ महीने पहले ही रेलवे ज्वाइन किया है. इस प्रक्रिया में कोलकाता के एक सहायक खेल अधिकारी भी शामिल हैं.
रेलवे के नियमों के अनुसार एक ही अधिकारी ट्रायल लेने के लिए बार-बार नहीं आ सकता, जबकि ट्रायल लेने हर बार कोलकाता का उक्त सहायक खेल अधिकारी रांची आता है. पहले भी इस अधिकारी पर ऐसे आरोप लगे हैं, जिसके कारण इन्हें पूर्व जीएम आरआर भंडारी ने सहायक खेल अधिकारी के पद से हटा दिया था, लेकिन श्री भंडारी के रिटायर होने के बाद अपनी पहुंच के इस्तेमाल से यह अधिकारी पुन: सहायक खेल अधिकारी बन बैठा.