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वकास ने स्वीकार किया, पाकिस्तान में ‘जिहाद’ की ट्रेनिंग ले रहे हैं युवा

नयी दिल्ली : इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादी जिया उर रहमान उर्फ वकास ने इस संबंध में और बातें बतायी हैं कि कैसे पाकिस्तान के आतंकवादी शिविरों में 15 वर्ष आयु तक के किशोरों को भी ‘जिहाद’ की ट्रेनिंग दी जा रही है.दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने शनिवार को वकास को गिरफ्तार किया था. […]

नयी दिल्ली : इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादी जिया उर रहमान उर्फ वकास ने इस संबंध में और बातें बतायी हैं कि कैसे पाकिस्तान के आतंकवादी शिविरों में 15 वर्ष आयु तक के किशोरों को भी ‘जिहाद’ की ट्रेनिंग दी जा रही है.दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने शनिवार को वकास को गिरफ्तार किया था. पूछताछ से जुडे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, अखबार के विज्ञापन के माध्यम से 2009 में वकास किसी ताज मोहम्मद नामक व्यक्ति के संपर्क में आया. वह लश्कर-ए-तैयबा के मुखैटा संगठन जमात-उद-दावा के लिए दान एकत्र किया करता था.

अधिकारी ने बताया, ‘‘उसने मोहम्मद से कहा कि वह कश्मीर जाकर लडना चाहता है. उसकी दिलचस्पी को जांचने के लिए मोहम्मद ने दो बार उसका अनुरोध ठुकराया, लेकिन उसके जोर देने पर, मोहम्मद ने नौशेरा शिविर में वकास के प्रशिक्षण की व्यवस्था की.’’ वहां 15 से 20 वर्ष आयु वर्ग के 20..25 युवाओं के साथ वकास ने ‘‘दौरा-ए-आम’’ नामक 21 दिन का प्रशिक्षण शुरु किया. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान अबू बाकर, अब्दुल्ला, अजहर, नयीम नामक लोग उसके ट्रेनर थे जबकि उनके प्रमुख का नाम अबू मंजूर था.

वकास का कहना है कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बहुत मुश्किल था. यह सुबह साढे पांच बजे से शुरु होकर शाम पांच बजे तक चलता था. अधिकारी ने बताया, ‘‘यह सुबह में प्रार्थना और प्रशिक्षण व्यायाम के साथ शुरु होता था. नाश्ता सुबह आठ बजे दिया जाता था जिसके बाद धार्मिक कक्षाएं होती थीं. उसके बाद हथियारों का प्रशिक्षण होता था जिसमें एके-47, इनसास, जी-2 बंदूकें और पिस्तौल चलाना सिखाया जाता था. दोपहर 12 बजे से दो बजे तक भोजनावकाश होता था जिसके बाद गोली चलाना सिखाया जाता था.’’

इसे पूरा करने के बाद वकास और प्रशिक्षण चाहता था जिसके लिए जैश-ए-मोहम्मद के अब्दुर रहमान ने वजीरिस्तान स्थित शिविर में उसे भेजने का इंतजाम किया. यहां उसे ‘‘जुहैब’’ नामक 25 दिन का प्रशिक्षण दिया गया जिसमें उसने हथियार चलाना सीखा. उसके बाद वह कुछ चुनिंदा लोगों के साथ अगले स्तर के प्रशिक्षण में गया जहां उसे बम संबंधी बातें सिखायी गयीं.सभी प्रशिक्षण पूरे होने के बाद वकास को कराची जाकर एक होटल में ठहरने को कहा गया. बाद में रियाज भटकल उससे जावेद बनकर मिला जहां से उसे काठमांडो जाना था.

वकास वहां से असदुल्ला अख्तर उर्फ हैदी (यासीन भटकल के साथ गिरफ्तार) के साथ सितंबर 2010 में काठमांडो पहुंचा. जहां तहसीन अख्तर उर्फ मोनू उनसे मिला. भटकल की गिरफ्तारी के बाद तहसीन इंडियन मुजाहिदीन का प्रमुख है. नेपाल से वकास बिहार के दरभंगा जिला पहुंचा जहां उसकी भेंट यासीन भटकल और संगठन की बिहार इकाई के अन्य सदस्यों से हुई.

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