बोधगया: बिहार दिवस पर शनिवार को मगध विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में संगोष्ठी आयोजित हुई. इसमें ‘बिहार का गौरव-भूत, भविष्य व वर्तमान’ विषय पर व्याख्यान हुआ. विभाग के शिक्षकों ने चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक आदि शासकों व महापुरुषों पर चर्चा की व बिहार के गौरवशाली सांस्कृतिक विरासतों का भी उल्लेख किया.
संगोष्ठी में शिक्षकों ने बिहार के गौरव नालंदा विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र, बोधगया, सासाराम सहित अन्य ऐतिहासिक स्थलों पर विस्तार से प्रकाश डाला. इस दौरान बिहारी अस्मिता की भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले विभिन्न आक्रमणों का जिक्र किया गया.
शिक्षकों ने बिहार की सांस्कृतिक विरासत व गौरव को फिर से प्राप्त करने में युवाओं की भूमिका को अहम बताया. उन्होंने कहा गया कि कुछ समय पहले तक दूसरे प्रदेशों में बिहार के लोगों के प्रति नजरिया ठीक नहीं था. लेकिन अब बिहार की स्थिति सुधरी है और यहां के लोग बिहारी कहलाने में गर्व महसूस करने लगे हैं. शिक्षकों ने कहा कि बिहार के युवा आइएएस व आइपीएस की परीक्षा में आगे हैं. शिक्षकों ने छात्र-छात्रओं से बिहार के लिए सामाजिक व आर्थिक क्षेत्रों में अपना योगदान देने की अपील की.
शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ इसराइल खां के निर्देशन में आयोजित संगोष्ठी में शिक्षक राम रतन पासवान, बुद्ध प्रिय, संजीव पांडेय, डॉ धनंजय धीरज, रश्मि सिन्हा व रामेश्वर प्रसाद समेत छात्र-छात्रएं शामिल हुए.