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आठवीं में फेल छात्रों को निकाला

जमशेदपुर: शहर के निजी विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार (आरटीइ) अधिनियम की अनदेखी के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को साकची स्थित टैगोर एकेडमी (स्कूल) से भी दो छात्रों को निकाल दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. दो विद्यार्थियों के अभिभावकों ने आठवीं कक्षा में फेल हो […]

जमशेदपुर: शहर के निजी विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार (आरटीइ) अधिनियम की अनदेखी के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को साकची स्थित टैगोर एकेडमी (स्कूल) से भी दो छात्रों को निकाल दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. दो विद्यार्थियों के अभिभावकों ने आठवीं कक्षा में फेल हो जाने पर उन्हें स्कूल से टीसी देकर निकाल दिये जाने की शिकायत जिला आरटीइ सेल में दर्ज करायी है. हालांकि स्कूल की ओर से भी इसकी पुष्टि की गयी है. इस मामले में जिला आरटीइ सेल ने गंभीरता दिखाते हुए प्रथम दृष्टया आरटीइ के प्रावधानों का उल्लंघन बताया है. जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है.

दो ही नहीं और भी बच्चे निकाले गये. छात्र सुनील कुमार साहू समेत एक अन्य विद्यार्थी के अभिभावक ने आरटीइ सेल को बताया कि स्कूल में और भी कुछ बच्चे हैं, जिन्हें निकाल दिया गया है. वहीं स्कूल की प्राचार्या ने भी ऐसे बच्चों की संख्या तीन-चार बतायी है.

कहां जायेंगे निष्कासित बच्चे. चूंकि ये बच्चे चार-पांच विषयों में असफल रहे हैं. उस पर स्कूल से निकाल भी दिये गये. इसे लेकर अभिभावकों समेत विभागीय पदाधिकारियों ने चिंता जतायी है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में बच्चे कहां जायेंगे. किसी अन्य स्कूल में भी इनका नामांकन होना मुश्किल है. अब नये सत्र की शुरुआत भी हो रही है.

पहले ही नोटिस दिया जा चुका था
कमजोर बच्चों के अभिभावकों को पहले ही नोटिस दिया जा चुका था कि यदि वार्षिक परीक्षा में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, तो टीसी दे दी जायेगी. इन बच्चों को स्कूल में आठवीं तक किसी तरह पढ़ाया गया. इस बीच में उनके अभिभावकों को बीच-बीच में बुला कर बताया भी गया. अब तो इनकी उम्र भी 14 वर्ष से अधिक हो चुकी है. अत: आरटीइ के प्रावधानों के मद्देनजर आठवीं तक पढ़ाने के बाद ही उन्हें स्कूल से निकाला है.मधुछंदा मजूमदार, प्राचार्या, टैगोर एकेडमी

कमजोर बच्चों के लिए स्कूल करे प्रयास
बच्चे कमजोर हैं, तो इसकी जानकारी स्कूल को होती ही है. अत: यह जान लेना भी जरूरी है कि संबंधित बच्चे की बेहतरी के लिए स्कूल की ओर से क्या-क्या प्रयास, रीमेडियल क्लास आदि किये गये या नहीं. बच्चे को स्कूल से निकालना समस्या का समाधान नहीं है. अत: जिला आरटीइ सेल इस मामले में गंभीर है. जरूरत पड़ी, तो जांच व उचित कार्रवाई भी की जायेगी.

-प्रकाश कुमार, एडीपीओ

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