भारत के मतदाताओं की अग्निपरीक्षा 2014 के लोकसभा चुनावों में होगी. इस बार मतदाताओं को भ्रष्ट, दलबदलुओं और अपने-अपने क्षेत्रों में विकास का कार्य नहीं करनेवालों को नकार देना है.
साथ ही, पैसे की बदौलत प्रचार को भी ठुकरा देना है और झूठों को भी मजा चखा देना है. मतदाताओं को समझना है कि विकास के क्षेत्र में केरल, तमिलनाडु, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा आदि राज्यों से गुजरात बहुत पीछे है. इस बार दलबदलुओं को भी मजा चखा देना है, जैसे- हेमलाल मुर्मू का भाजपा से चुनाव लड़ना, विजय हांसदा का झामुमो से चुनाव लड़ना, ददई दूबे का तृणमूल से चुनाव लड़ना, राम कृपाल यादव का भाजपा से चुनाव लड़ना और राम विलास पासवान के कुनबे का भाजपा के साथ चुनाव लड़ना आदि राजनीति का मखौल है. मतदाताओं के सामने इन्हें नकारने की चुनौती होगी.
डॉ भुवन मोहन, हिनू, रांची