– कमल विश्वास –
एक वर्तमान व चार पूर्व सांसदों की प्रतिष्ठा दावं पर
चाईबासा : सिंहभूम संसदीय सीट पर इस बार एक वर्तमान संसद समेत चार पूर्व सांसदों की प्रतिष्ठा दावं पर लगी है. इनमें से प्रत्यक्ष रूप से तीन पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुवा, चित्रसेन सिंकू व सालखन मुमरू मैदान में हैं, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से वर्तमान सांसद मधु कोड़ा अपनी विधायक पत्नी गीता कोड़ा व पूर्व सांसद बागुन सुंबरूई चित्रसेन सिंकू पर दावं लगाये हुए हैं.
इस सीट से पांच दफा सांसद रहे बागुन सुंबरूई ने चुनाव न लड़ने की पहले ही घोषणा कर दी थी, लेकिन सक्रिय राजनीति से जुड़े इस व्योवृद्ध नेता ने अपने समर्थित उम्मीदवार चित्रसेन सिंकू को कांग्रेस का टिकट दिला कर यह भी साफ कर दिया कि उनकी कांग्रेस में अब भी मजबूत पकड़ है. इस सीट पर कांग्रेस के टिकट के लिये केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, राज्य सभा सांसद प्रदीप बलमुचु, पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद मधु कोड़ा तक के लॉबी किये जाने का बात सामने आ रही थी. ऐसे में कांग्रेस आला कमान द्वारा बागुन सुंबरूई पर विश्वास करते हुए उनके समर्थित उम्मीदवार को टिकट दिया गया.
बागुन चाहेंगे कि किसी भी तरह उनका उम्मीदवार चुनाव जीते तथा यह सीट कांग्रेस के झोली में वे डाल सकें.
भाजपा से 1996 में सांसद रह चुके चित्रसेन सिंकू 16 साल बाद पुन: सक्रिय राजनीति में आये हैं. कांग्रेस से उन्हें टिकट भी मिल गया है, ऐसे में वे चाहेंगे कि इस सीट पर वे अपनी जीत दोहरायें.
सिंहभूम संसदीय सीट के निर्दलीय सांसद मधु कोड़ा ने इस दफा चुनावी मैदान में खुद उतरने की जगह अपनी पत्नी जगन्नाथपुर की विधायक गीता कोड़ा को उतारा है. लोस चुनाव के दंगल से उनके खुद के न उतरने के चाहे कोई वजह रहीं हो, लेकिन पत्नी को इस सीट पर किसी भी हाल में जीताना उनके प्रतिष्ठता से जुड़ चुका है.
भारी मतों से 1999 में सांसद का चुनाव जीत चुके चक्रधरपुर के विधायक लक्ष्मण गिलुवा को भाजपा ने इस बार फिर इस सीट का चुनाव लड़ने का मौका दिया है. नमो की लहर को वे भुनाते हुए इस सीट पर वे जीत दर्ज करने का पूरजोर प्रयास करेंगे.
पड़ोसी राज्य ओड़िशा के म्युरभंज से संसद रह चुके सालखन मुमरू दूसरी दफा सिंहभूम संसदीय सीट से अपनी किस्मत को आजमाने जा रहे हैं. इस सीट से 2004 में जेडीपी के उम्मीदवार के तौर पर संसद का चुनाव लड़ चुके हैं, जबकि एक दफा फिर वे इसी पार्टी से अपनी किस्मत आजमायेंगे.