स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय के अधीन इस संस्थान ने पिछले लगभग 20 सालों में टीबी और श्वास रोगों के इलाज के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष मुकाम हासिल किया है. 520 बेडवाले इस संस्थान का प्रथम उद्देश्य अपने मरीजों को बेहतर सेवा देना है. यहां एक दिन में लगभग 500 टीबी मरीजों का इलाज विभिन्न सुविधाओं को मुहैया कराते हुए किया जाता है. इसी हॉस्पिटल ने देशभर में नेशनल टीबी कंट्रोल प्रोग्राम का संचालन किया है.
इलाज है काफी सस्ता
यहां न सिर्फ अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं बल्कि यहां उपचार भी काफी कम कीमत पर किया जाता है. यहां मरीज से ओपीडी शुल्क के रूप में मात्र 10 रुपये लिये जाते हैं. इसके अलावा गरीब व्यक्तियों के लिए सभी सुविधाएं मुफ्त हैं. मरीज को भर्ती करने पर भी काफी कम खर्च आता है. वहीं माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, पीएफटी लैब आदि से जुड़े विभिन्न टेस्ट भी काफी सस्ते किये जाते हैं. सीटी स्कैन भी नाममात्र के शुल्क पर किया जाता है.
श्वास रोगों का भी उपचार
इस हॉस्पिटल में टीबी के अलावा फेफड़ों की अन्य बीमारियों का इलाज भी किया जाता है. श्वास संबंधी सभी रोगों का इलाज एक ही छत के नीचे संभव है. देश-विदेश से बड़ी संख्या में मरीज यहां आकर सर्जरी भी कराते हैं. लंग कैंसर का इलाज भी यहां होता है.
सभी सुविधाएं एक छत के नीचे
संस्थान में टीबी के लिए 230 बेड मौजूद हैं, वहीं एमडीआर टीबी के लिए 40, अन्य बीमारियों के लिए 95, सर्जिकल के लिए 104, बच्चों के लिए 34, आइसीयू के लिए 14 और इमरजेंसी के लिए 2 बेड शामिल हैं. विभिन्न टेस्टों से लेकर सर्जरी तक सभी सुविधाएं यहां मौजूद हैं. इसके लिए यहां अत्याधुनिक मशीनें जैसे- निकॉन ट्राइनॉक्यूलर रिसर्च माइक्रोस्कोप, डिजिटल रेडियोग्राफी सिस्टम, एक्स-रे, अल्ट्रासॉनिक कॉगुलेशन एंड कटिंग सिस्टम आदि हैं.
ओपीडी का समय
यहां इमरजेंसी विभाग 24 घंटे खुला रहता है. जेनरल ओपीडी के लिए मरीज को सोमवार से शनिवार तक सुबह 8.45 से 12 बजे के बीच रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. वहीं सर्जिकल ओपीडी के लिए मंगलवार और शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच रजिस्ट्रेशन कराना होता है. कैंसर विशेषज्ञ की ओपीडी मंगलवार को सुबह 9 बजे से 1 बजे तक होती है.
प्रस्तुति : कुलदीप तोमर