कोलकाता: राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानेवाले समाजसेवी अन्ना हजारे के सहारे पूरे देश में झंडा लहराने का सपना देखा था, लेकिन उनका यह सपना टूट गया और अन्ना हजारे द्वारा पार्टी का चुनाव प्रचार नहीं करने के एलान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता औंधे मुंह गिर गये हैं.
अब यहां की सत्तारूढ़ पार्टी ने अन्ना हजारे का गुणगान करना बंद कर दिया है और अब अकेले ही चुनाव प्रचार करने की तैयारी शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने पहले तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में देश के विभिन्न क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करने की बात कही थी, लेकिन बाद में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह ममता बनर्जी का समर्थन करते हैं, उनकी पार्टी का नहीं. इसलिए अब वह तृणमूल कांग्रेस के लिए कोई प्रचार नहीं करेंगे. 12 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान से अन्ना-ममता गंठबंधन के साथ चुनाव प्रचार शुरू होनेवाला था. लेकिन उस दिन सभा में नहीं पहुंच कर अन्ना हजारे ने तृणमूल कांग्रेस नेत्री को सकते में डाल दिया है. अब बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सिर से भी अन्ना का बुखार उतर गया है और वह अपने दम पर चुनाव प्रचार करना चाहती हैं.
पहले अन्ना के साथ मुख्यमंत्री ने देश के अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार करने की योजना बनायी थी, लेकिन फिलहाल बाहर के राज्यों के कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार से दक्षिण 24 परगना जिले से राज्य में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. 20 मार्च को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अन्ना हजारे के साथ गुजरात के अहमदाबाद में रैली करनेवाली थीं, लेकिन समीकरण बदलने के बाद अब वह उस दिन मुर्शिदाबाद जिले में रैली को संबोधित करेंगी. अन्ना के पीछे हटने के बाद से मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों का दौरा कम कर दिया है और अब वह सिर्फ बंगाल में ही चुनाव प्रचार पर विशेष ध्यान देंगी.