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रासायनिक गुलालों पर भारी हर्बल गुलाल

सिलीगुड़ी: वन विभाग हर्बल गुलाल की तैयारी कर जहां सिलीगुड़ी के कई परिवारों के जीविकोपार्जन का जरिया बना है, वहीं सिलीगुड़ी में अपने आउटलेट में इसकी बिक्री कर रासायनिक रंग-गुलाल निर्माता व बिक्रेताओं की नींद उड़ा दी है. वन विभाग का नॉन टिंबर फॉरेस्ट प्रोड्यूस डिवीजन यह हर्बल गुलाल सिलीगुड़ी के निकट बागडोगरा के टाइपू […]

सिलीगुड़ी: वन विभाग हर्बल गुलाल की तैयारी कर जहां सिलीगुड़ी के कई परिवारों के जीविकोपार्जन का जरिया बना है, वहीं सिलीगुड़ी में अपने आउटलेट में इसकी बिक्री कर रासायनिक रंग-गुलाल निर्माता व बिक्रेताओं की नींद उड़ा दी है.

वन विभाग का नॉन टिंबर फॉरेस्ट प्रोड्यूस डिवीजन यह हर्बल गुलाल सिलीगुड़ी के निकट बागडोगरा के टाइपू बीट में तीन वर्षो से तैयार कर रहा है.

इन गुलालों को बिक्री कर जो आय होती है, उससे चार परिवारों का गुजारा चल रहा है. वन विभाग के रेंज ऑफिसर दीपक राहा ने बताया कि यह हर्बल गुलाल गुलाब, गेंदा, पलाश फूल की पंखुरियों से लाल, पीला व नारंगी गुलाल तैयार किया जाता है. वहीं सिमल व बेलपत्ताें से हरे गुलाल तैयार किये जाते हैं. ये गुलाल सुगंधित एवं स्कीन फ्रेंडली होते हैं. इन गुलालों को बनाने में किसी भी तरह के रासायनिक पदार्थो का मिश्रण नहीं किया जाता. गुलालों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता है. बीते तीन सालों से यह गुलाल तैयार की जा रही है और प्रत्येक साल इसकी मांग में काफी इजाफा हो रहा है. लोगों में हर्बल एवं प्रकृति के प्रति काफी जागरूकता बढ़ी है.

श्री राहा ने बताया कि 2012 में मात्र एक क्वींटल गुलाल तैयार कर बिक्री की गयी थी, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. बढ़ती मांग को देखते हुए बीते साल 2013 में तीन क्वींटल गुलाल तैयार किया गया, जो होली से दो-तीन दिन पहले ही खपत हो गये. लोगों में बढ़ती चाह को देखते हुए इस साल पांच क्वींटल गुलाल तैयार किया गया. ये गुलाल सिलीगुड़ी के हाकीम पाड़ा स्थित चिल्ड्रेन पार्क के निकट वन विभाग के ‘वनज’ आउटलेट में बिक्री किया जा रहा है. इस साल सौ रुपये प्रति किलो की दर पर गुलाल बिक्री हो रही है. गुलाल बनाने वाले कारीगर भी इस काम से काफी खुश हैं. लाटागुड़ी के रहनेवाले भिकु उरांव, बेलाकोबा के धरणी राय, बोदागंज के पवित्र राय व सिलीगुड़ी के निकट सालबाड़ी के गोपाल गिरी के पूरे परिवार के जीविकोपार्जन का यह जरिया है.

भिकु उरांव ने बताया कि सरस्वती पूजा के बाद से ही इन गुलालों की तैयारी शुरू हो जाती है. बाद में हमलोग यहां आयुर्वेदिक औषधी भी तैयार करते हैं. दूसरी ओर सिलीगुड़ी संलगA फूलबाड़ी बाजार के पास असीम साहा की रंग-गुलाल की एक कारखाना है जहां पिछले सात-आठ वर्षो से उत्तम गुणवत्तावाले रंग-गुलालों की तैयारी की जाती है. असीम साहा द्वारा तैयार रंग-गुलालों की मांग सिर्फ सिलीगुड़ी ही नहीं उत्तर बंगाल, पहाड़, सिक्किम व भूटान में भी है

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