16वीं लोकसभा के लिए चुनाव की गहमागहमी परवान चढ़ने लगी है. सभी दलों ने अधिक से अधिक सीटें हथियाने के लिए वाजिब और गैरवाजिब हथकंडे अपनाने चालू कर दिये हैं. छांट-छांट कर लोगों को टिकट दिया जा रहा है. इस बार धन-कुबेरों की संख्या में काफी इजाफा होने वाला है, साथ में अपराधिक छविवालों को भी लोकसभा में भेजने की पूरी कोशिश हो रही है.
पिछली लोकसभा में 162 सांसदों के ऊपर आपराधिक मामले थे, जिनमें से 76 के ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और डकैती जैसे गंभीर आरोप थे. ऐसे सांसदों के कारण ही सदन की गरिमा पर कुठाराघात होता है. संसद को अपराधियों से मुक्त कराने की बात सभी दल करते हैं, लेकिन अपराधियों को टिकट देने में जरा भी नहीं हिचकते. आपराधिक छवि के लोगों के चुनाव पर मीडिया कोई अभियान चालाये.
गणोश सीटू, हजारीबाग