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ढाई लीटर पानी ही जरूरी

रांची: हमारे शरीर में किडनी को स्वस्थ रखने के लिए ढाई लीटर पानी जरूरी है. गरमी के मौसम में यह जरूरत साढ़े तीन लीटर तक पहुंच जाती है. यह भ्रम है कि ज्यादा पानी पीने से किडनी की बीमारी नहीं होती. ज्यादा पानी के सेवन से शरीर में नमक की कमी हो जाती है. इससे […]

रांची: हमारे शरीर में किडनी को स्वस्थ रखने के लिए ढाई लीटर पानी जरूरी है. गरमी के मौसम में यह जरूरत साढ़े तीन लीटर तक पहुंच जाती है. यह भ्रम है कि ज्यादा पानी पीने से किडनी की बीमारी नहीं होती. ज्यादा पानी के सेवन से शरीर में नमक की कमी हो जाती है. इससे मरीज बेहोश होने लगता है.

बुधवार को सेंटेविटा अस्पताल में विश्व किडनी दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रेस वार्ता में किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक वैद्य ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत किडनी की बीमारी का मुख्य कारण डायबिटीज एवं ब्लड प्रेशर का होना है, जबकि 30 प्रतिशत किडनी की बीमारी दवा एवं अन्य कारणों से होती है. हॉस्पिटल की एडमिनिस्ट्रेटर डॉ सुमन चटर्जी ने बताया कि अस्पताल में गुरुवार को विश्व किडनी दिवस पर पेसेंट अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन सुबह 10 बजे से किया गया है.

उधर, डॉक्टर वैद्य ने अपने क्लिनिक में पत्रकारों से कहा कि झारखंड में किडनी के मरीजों का इलाज सही ढंग से नहीं होता. राजधानी में 50 डायलिसिस मशीन है, जिसमें पांच रिम्स में है. वहीं निजी अस्पतालों में 45 डायलिसिस मशीन है. गरीब एवं मध्यम श्रेणी के मरीजों के लिए रिम्स में कम से कम 100 से ज्यादा मशीन होनी चाहिए.

पैर व शरीर में सूजन हो तो कराये स्क्रीनिंग : डॉ वैद्य ने बताया कि अगर-पैर एवं शरीर के किसी भाग में सूजन हो तो किडनी की बीमारी की स्क्रीनिंग अवश्य करानी चाहिए. ब्लड प्रेशर, रूटीन यूरिन एग्जामिन एवं सिरम क्रीटनीन की जांच से किडनी की बीमारी का पता चल जाता है. सही समय पर अगर इलाज किया जाये, तो 100 रुपये की दवा से ही बीमारी को ठीक किया जा सकता है. किडनी फेल हो जाने के बाद बीमारी का इलाज खर्चीला हो जाता है.

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