जलपाईगुड़ी : गुटबाजी के चलते लोकसभा चुनाव के पहले जलपाईगुड़ी तृणमूल कांग्रेस को जोर का धक्का लगा. पहले विवाद व बाद में गुटबाजी का मामला हाथापाई तक पहुंच गया. इसके चलते पार्टी कार्यकर्ताओं के हाथों मार खाकर जलपाईगुड़ी जिले में नियुक्त ऑबजर्वर को पार्टी कार्यालय से चले जाने के लिए बाध्य होना पड़ा. पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई का मामला पार्टी कार्यालय की चार दीवारी से निकलकर सार्वजनिक हो गया. घटना रविवार को जलपाईगुड़ी जिला तृणमूल पार्टी कार्यालय में घटी.
हालांकि इस घटना को जिला नेतृत्व ने पारिवारिक घटना करार देकर दबाने की कोशिश की गयी. घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में तृणमूल के सदर ब्लॉक एक के अध्यक्ष हाराधन सरकार को हटाकर उनके जगह कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में शामिल होने वाले निताई कर को बिठाया गया.
पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के कहना है जिला नेतृत्व को बिना बताये ऑवजर्वर सौरव चक्रवर्ती ने हाराधन सरकार को हटाकर उनका पदभार निताई कर को सौंप दिया. आज जिला पार्टी कार्यालय में सौरव चक्रवर्ती के आने पर हाराधन सरकार के अनुयायियों ने इस बारे में पुष्टीकरण की मांग की, लेकिन सौरव चक्रवर्ती के पास से कोई जवाब नहीं पाकर हाराधन के अनुयायी विवाद में भिड़ गये. विवाद हाथापाई में तब्दील होते ही पार्टी कार्यालय के भीतर ही सौरव चक्रवर्ती की पिटाई की गयी. मामला गर्म होते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची.
इस बारे में हाराधन सरकार ने कहा कि वे वर्ष 2001 से सदर ब्लॉक-एक के सभापति पद पर हैं. पार्टी में आने वाले नये चेहरे पद की लालच में रुपयों का प्रलोभन दिखा रहे हैं. पार्टी के कुछ कार्यकर्ता इसी प्रलोभन के जाल में फंस रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के पार्टी कार्यकर्ता सुविधा लेने के लिए प्रवासी पक्षियों की तरह पार्टी में शामिल हो रहे हैं. पार्टी सुप्रीमो को इस बारे में सोचना चाहिए. दूसरी ओर सौरव चक्रवर्ती ने उन्हें पीटने की बात को अस्वीकार कर दिया हैं. जिला अध्यक्ष चंदन भौमिक ने कहा कि हाथापाई के वक्त वे बाहर थे. उन्होंने जितना सुना हैं, उससे लग रहा है कि गलतफहमी के कारण यह सब हुआ.