पटना : जदयू में अपनी पार्टी समाजवादी जनता दल (डेमोक्रेटिक) के विलय के मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने रविवार को कहा कि देश संक्रमण के दौर से गुजर रहा है. एक पार्टी (कांग्रेस) जहां सत्ता से एन-केन-प्रकारेण चिपकी रहना चाहती है, वहीं एक पार्टी सांप्रदायिकता की आड़ में देश की सत्ता में आना चाहती है. नीतीश कुमार ने तीसरा फ्रंट बना कर देश को दिशा दी है.
वह नीतीश कुमार की विचारधारा से प्रभावित होकर अपनी पार्टी का विलय जदयू में कर रहे हैं. श्री यादव ने कहा, मुङो टिकट नहीं चाहिए. मैं सिर्फ समाजवाद की विचारधारा को मजबूत करने के लिए जदयू से जुड़ा हूं. लोकतंत्र में वंशवाद और परिवारवाद का स्थान नहीं है. नीतीश कुमार भी इसके खिलाफ हैं. बिहार में एक पार्टी के अंदर भूचाल आया हुआ है. इस दल के एक नेता कहते हैं कि इमोशनल अत्याचार हो रहा है. हम भी रहे देख हैं, सब समझते हैं. वह पार्टी कहती है कि यदुवंशी का वोट ट्रांसफर करा लेंगे, लेकिन यदुवंशी किसी के पेटेंट नहीं हैं और न ही कोई वंशी लगा कर यदुवंशी से वोट खींच सकता है.
उन्होंने कहा कि देश जो कृषि प्रधान था, वह अब घोटाला प्रधान हो गया है. भावना के सौदागर भावना भड़का रहे हैं. हिटलर ने भी ऐसा किया था, अंत में उसे आत्महत्या करना पड़ी थी. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि देवेंद्र प्रसाद यादव लेट जरूर आये हैं, लेकिन मौके पर आये हैं. भले ही वह आने में देर की, पर पार्टी इन्हें सम्मानित करेगी. मौके पर समाजवादी जनता दल (डेमोक्रेटिक) के सदस्यों की सूची जदयू प्रदेश अध्यक्ष को सौंपी गयी. मिलन समारोह में मंत्री विजय कुमार चौधरी व श्याम रजक, विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, विधान पार्षद विनोद कुमार सिंह, भूदेव चौधरी, रामाश्रय राय, राम कुमार यादव, डॉ एसपी मंडल, अंजुम आरा, नवीन आर्या, नीतीश टनटन, ओमप्रकाश सिंह सेतु, मुकेश कुमार सिंह, युगेश कुशवाहा आदि मौजूद थे.