नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान अर्धसैनिक बलों को तैनाती के लिए लाने ले जाने की खातिर 100 से अधिक ट्रेनों की सेवाएं लेगा. चुनाव के दौरान ट्रेनों का उपयोग अर्धसैनिक बलों को इस मतदान की तय तारीख और सुरक्षा संबंधी कारणों के अनुसार, एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने के लिए किया जाएगा. राज्य पुलिस बलों के अलावा, करीब केंद्रीय अर्धसैनिक बल के करीब दो लाख जवानों को 7 अप्रैल से 9 चरणों में होने जा रहे लोकसभा चुनावों के लिए तैनात किये जाने की उम्मीद है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि सुरक्षा बलों को लाने ले जाने के लिए जरुरत के अनुसार विशेष ट्रेनें और कुछ ट्रेनों में विशेष कोच मुहैया कराए जाएं. यह अनुरोध, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा विभिन्न मुद्दे उठाए जाने के बाद किया गया. इसके अलावा, सीआरपीएफ ने मंत्रालय से रेलवे बोर्ड के सदस्यों :यातायात: को करीब दो माह तक विशेष ट्रेनों अथवा कुछ ट्रेनों में विशेष कोचों की बुकिंग के लिए नई दिल्ली में एकल खिड़की :सिंगल विंडो: खोलने का आदेश देने का आग्रह भी किया है. सीआरपीएफ ने प्रत्येक कंपनी के लिए दो स्लीपर कोच और विशेष ट्रेनों में दो कोच के लिए आग्रह किया है ताकि जवानों को यात्रा के दौरान दिक्कत न हो. एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं.
सूत्रों ने बताया कि किराये पर ली गई ट्रेनों का उपयोग बलों को लंबी दूरी तक ले जाने के लिए किया जाएगा जबकि सुरक्षा कर्मी सड़क मार्ग से जायेंगे. सीआरपीएफ लोकसभा चुनावों के लिए अधिकतम जवानों का योगदान देगा और यह संख्या कुल अर्धसैनिक बल क्षमता की आधी हो सकती है. समझा जाता है कि बीएसएफ चुनाव में करीब 28,000 जवान मुहैया कराएगा जबकि शेष बल एसएसबी, आईटीबीपी, असम रायफल्स और अन्य के होंगे.लोकसभा चुनाव इस बार सर्वाधिक 9 चरण में होंगे और इनकी शुरुआत 7 अप्रैल से होगी तथा 12 मई को अंतिम चरण संपन्न होगा. चुनाव में करीब 81.4 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. सभी 543 निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना 16 मई को होगी. लोकसभा चुनावों के साथ ही तेलंगाना क्षेत्र सहित आंध्रप्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी होंगे.