हाजीपुर.
शाद अजीमाबादी के बाद बिहार में शायरी की जमीन को जरखेज बनाने में परवेज शाहिदी, जमील मजहरी तथा इजतबा रिजवी जैसे शायरों ने अहम भूमिका निभायी. इन तीनों शायरों ने हिंदुस्तान की जंगे आजादी में अपनी शायरी और इनक लाबी कलामों से अंगरेजों को जिस तरह ललकारा और नौजवानों में जोश भरा, उसे भुलाया नहीं जा सकता.
नगर के राजनारायण महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में विद्वानों ने ये ख्यालात जाहिर किये . सेमिनार का विषय था ‘शाद अजीमबादी के बाद बिहार की शेरी तसलीस’. इस राष्ट्रीय सेमिनार में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये उर्दू अदब के विद्वानों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये. इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ मौला बक्श, विनोवा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के डॉ. हुमायू अशरफ, अलीगढ़ विश्वविद्यालय के डॉ सुलतान अहमद, पटना विश्वविद्यालय के डॉ. शहाब जफर आजमी, विश्वभारती शांति निकेतन, पूर्वी बंगाल के डॉ वासिफ अहमद, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के डॉ महबूब इकबाल, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के डॉ तौकीर खान, कॉलेज ऑफ कॉमर्स, मगध विश्वविद्यालय के डॉ अकबर अली तथा समता कॉलेज, जंदाहा के डॉ अशरफ इमाम के नाम शामिल हैं. कौमी काउंसिल बराए फरोग ए उर्दू एवं बिहार उर्दू अकादमी के सौजन्य से कॉलेज के सभागार में आयोजित सेमिनार में वक्ताओं ने कहा कि शाद अजीमाबादी बिहार के ऐसे कवि थे, जिन्होंने भारत की काव्य संस्कृति को एक नया आयाम दिया. उनके बाद के शायरों ने शाद की विरासत को आगे बढ़ाया. वतनपरस्ती की आवाज बुलंद करने और अंगरेजी हुकूमत से बगावत के कारण शाहिदी, मजहरी और रिजवी जैसे साहित्यकारों को जेल की सजा काटनी पड़ी. शायरी की इस परंपरा ने हमेशा देश की कौमी इकजहदी और गंगा-यमुनी तहजीब की हिफाजत का पैगाम दिया है. हमें और हमारी आने वाली पीढ़ियों को इसे याद रखने और इनसे प्रेरणा लेते रहने की जरूरत है. दो सत्रों में हुए कार्यक्रम में पहले सत्र की सदारत उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ हामिद अली खान और प्राचार्य डॉ नवल किशोर प्रसाद सिंह ने की. दूसरे सत्र में डॉ जफर अली खान, डॉ नजमा अमजद, डॉ तारिक फातमी, डॉ सइदा परवीन आदि ने अपने विचार प्रकट किये. डॉ जावेद हयाल, प्रो अबु मोनव्बर गिलानी, डॉ अनवर हसन जाहदी, डॉ फरहत नादिर रिजवी, अब्दुल मजीद हाजीपुरी ने भी अपने पत्र प्रस्तुत किये. दोनों सत्रों का संचालन उर्दू पत्रकार एवं समाजसेवी शाहिद महमूदपुरी ने किया. अंगरेजी विभाग के डॉ सुमन सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षक एवं छात्र-छात्रएं उपस्थित थे.