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रूस-यूक्रेन तनाव घटने की आशंका के मद्देनजर बेफिक्र बाजार लहराया

मुंबई : रूस और यूक्रेन के बीच तनाव घटने की खबरों के बीच वैश्विक निवेशकों की धारणा सुधरने की वजह से धातु, बैंकिंग व कैपिटल गुड्स शेयरों में लिवाली समर्थन से बीएसइ सेंसेक्स मंगलवार को 263 अंक मजबूत हुआ. पिछले कारोबारी सत्र में 173 अंक गंवानेवाला सेंसेक्स मंगलवार को 263.08 अंक सुधरकर 21,209.73 अंक पर […]

मुंबई : रूस और यूक्रेन के बीच तनाव घटने की खबरों के बीच वैश्विक निवेशकों की धारणा सुधरने की वजह से धातु, बैंकिंग व कैपिटल गुड्स शेयरों में लिवाली समर्थन से बीएसइ सेंसेक्स मंगलवार को 263 अंक मजबूत हुआ.

पिछले कारोबारी सत्र में 173 अंक गंवानेवाला सेंसेक्स मंगलवार को 263.08 अंक सुधरकर 21,209.73 अंक पर बंद हुआ. इससे पहले सेंसेक्स ने यह स्तर 23 जनवरी को देखा था. इसी तरह, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 76.50 अंक ऊपर 6,297.95 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 6,300 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को छू गया था.

ब्रोकरों ने कहा कि यूक्रेन की सीमा के पास युद्ध अभ्यास कर रहे हजारों रुसी सैनिकों को अपनी छावनियों की ओर लौटने का राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा आदेश दिये जाने के बाद उभरते बाजारों में निवेशकों का विश्वास बढ़ा. बोनांजा पोर्टफोलियो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश गोयल ने कहा कि पिछले सत्र में यूक्रेन और रूस के मुद्दों से पैदा हुए तनाव या अनिश्चितताओं के बाद भारी बिकवाली दबाव बना था. हालांकि, शांतिपूर्ण समाधान निकलने की उम्मीद पैदा होने से बाजार की धारणा में सुधार आया.

* यूक्रेन संकट की चिंता नहीं : मायाराम

सरकार ने कहा है कि यूक्रेन में चल रहे राजनीतिक संकट का भारतीय मुद्रा पर कोई असर नहीं होगा और इसकी विनिमय दर में चढ़ाव-उतार सीमित दायरे में रहेगा. आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने एक सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें ऐसी चीजों (यूके्रन में भू-राजनीतिक तनाव) से चिंतित होने की जरूरत है.

भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत स्थिर है और रुपया सीमित दायरे में रहेगा. रुपया मंगलवार के शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 11 पैसे गिर कर 62.15 के स्तर पर आ गया, क्योंकि विदेश में यूरो और अन्य मुद्रा के खिलाफ अमेरिकी डॉलर में भी तेजी आयी. रुपये में सोमवार को 29 पैसे की गिरावट आयी और यह डॉलर के मुकाबले 62.04 पर बंद हुआ.

यह पिछले दो सप्ताह की सबसे बड़ी गिरावट थी. रुस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ाने के मद्देनजर आयातकों की डॉलर की मांग बढ़ने से भारत के रुपये समेत उभरते बाजारों की मुद्रा पर असर पड़ा है. छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के बीच डॉलर का सूचकांक 0.10 प्रतिशत ऊंचा रहा, जबकि रूसी रबल नौ प्रतिशत कमजोर रहा. रुपया पिछले साल अगस्त में डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर 68.85 पर पहुंच गया था.

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