बेतियाः गांव की गलियां, हर जगह बहता नाली का दूषित पानी. जहां-तहां फैला मवेशी का गोबर, हैंडपंप के पास जमा कचरा. गांव-देहात की बात सोचते ही ये सब बातें हमारे जेहन में घूमने लगती हैं. लेकिन अब इस सोच को बदलना होगा. क्योंकि जिले के चार ऐसे पंचायत हैं, जो स्वच्छता की राह पर चल कर मॉडल पंचायत बन गये हैं. इसमें चनपटिया प्रखंड के लखौरा, भरपटिया, चरगाहां व चुहड.ी पंचायत शामिल हैं.
आज इस पंचायत के हर घर में नाले के पानी के लिए सोख्ता बनाया गया है. जिससे हैंडपंप के पास कचरा भी जमा नहीं होता है और भूगर्भ में गंदा पानी भी जाने से बच जाता है. जो कचरा जमा होता है, उसे अलग कर दिया जाता है. उप विकास आयुक्त जवाहर प्रसाद ने बताया कि निर्मल भारत अभियान के तहत चनपटिया के इस चार पंचायत का चयन कर स्वच्छता अभियान चलाया गया है. पहले इस पंचायत में घर-घर शौचालय का निर्माण कराया गया. आज इस पंचायत के लोग खुले में शौच करने नहीं जाते हैं.
हरा कचरा से बनेगी खाद
घर से निकलने वाला कचरा, नाली में पड.ा कचरा और मवेशी कचरा से खाद बनाने की भी योजना चल रही है. उप विकास आयुक्त जवाहर प्रसाद ने बताया कि दो तरह के कचरे होते हैं, एक जैविक रूप से विखंडित होने वाला और दूसरा विखंडित नहीं होने वाला. कचरा से सबसे पहले हरा कचरा को अलग किया जाता है. क्योंकि हरा कचरा को ही खाद में इस्तेमाल किया जा सकता है. डीएफआइडी की योजना के तहत खाद बनाने की योजना भी जल्द ही शुरू की जायेगी. प्लास्टिक व बोतल के रूप में घरों से निकले कचरा को लोग कबाड.ी से बेच भी देंगे. लेकिन इसके लिए भी हर पंचायत में एक सेंटर बनाया जायेगा.
मच्छरों व मक्खियों से निजात
मच्छरों व मक्खियों से भी ग्रामीणों को निजात भी इस अभियान के तहत मिल गया है. जानकारी के अनुसार जब से यह अभियान चला है. मच्छरों की संख्या पर काफी घटी है.