शेखपुरा. 2003 के चर्चित सिरारी नरसंहार के आरोपित अभिराम सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. इस नरसंहार में शिक्षक देवनंदन सिंह सहित उनके परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गयी थी. 13 फरवरी, 2003 को साढ़े दस बजे अभिराम सिंह अपने भाइयों के साथ घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद दूसरे ग्रामीण को फंसाने का प्रयास किया था. हत्यारों ने शिक्षक देवनंदन सिंह के साथ उनकी पहली पत्नी शकुना देवी, पुत्र मानस कुमार, राहुल कुमार और टोनी की हत्या धारदार हथियार से कर दी थी. इस मामले में मृत शिक्षक की दूसरी पत्नी संजुला देवी ने घायल अवस्था में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. अभियुक्त अभिराम सिंह मृतक का अपना भतीजा है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सतीश चंद्र श्रीवास्तव ने अभियुक्त पर तीन पुत्री और मां-पिता का दायित्व होने के कारण आजीवन कारावास की सजा दी है. लोक अभियोजक उदय नारायण सिन्हा ने बताया कि इस मामले में सूचक संजुलता और अभियुक्त के पिता हरिवंश सिंह का बयान काफी अहम था. इस मामले में अभी भी एक आरोपित परशुराम सिंह फरार है. न्यायालय ने अभियुक्त को कम से कम 20 साल तक जेल में रहने का आदेश दिया है. न्यायालय ने 24 फरवरी को उसे इस मामले में दोषी पाया था. शुक्रवार को सजा पर सुनवाई होनी थी, जिसके सुबह से ही न्यायालय परिसर में गहमागहमी थी.
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सिरारी नरसंहार : एक आरोपित को उम्रकैद व 50 हजार का जुर्माना
शेखपुरा. 2003 के चर्चित सिरारी नरसंहार के आरोपित अभिराम सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. इस नरसंहार में शिक्षक देवनंदन सिंह सहित उनके परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गयी थी. 13 फरवरी, 2003 को साढ़े दस बजे अभिराम सिंह […]
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