राजगीर (नालंदा).
थाइलैंड की राजकुमारी महाचक्री श्रीध्रोन सोमवार को राजगीर पहुंचीं. यहां पहुंचते ही सर्वप्रथम उन्होंने भगवान बुद्ध की कर्मभूमि की माटी को नमन किया. राजकुमारी श्रीध्रोन ने अपने सहयोगियों के साथ बुद्ध की तपो भूमि गृद्धकुट पर्वत पर पूजा-अर्चना की. इसके बाद वह यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड की बैठक में भाग लेने कन्वेंशन सेंटर पहुंचीं. बैठक में अन्य देशों सहित विवि के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के चार सदस्य भी शामिल हुए. विवि के चांसलर अमर्त्य सेन और कुलपति डॉ गोपा सबरबाल ने विवि के निर्माण कार्य से अवगत कराया. राजकुमारी ने इस विवि के निर्माण के सोच को उत्तम और अत्यंत महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, इस विवि के निर्माण से दुनिया के कई देशों से बेहतर संबंध बनेंगे. उन्होंने सलाहकार बोर्ड को हर संभव सहयोग करने की बात कही. उन्होंने कुलपति डॉ गोपा सबरबाल से विवि के विकास कार्यो की अद्यतन जानकारी ली. सलाहकार बोर्ड के सदस्यों ने राजकुमारी और उनके साथ आये अधिकारियों को विवि के मॉडल, आंतरिक लुक और प्राक्कलन की मॉडल प्रदर्शनी का अवलोकन कराया.
राजकुमारी ने बैठक में कहा कि में अपने देश में वहां के छात्रों के बीच इस विवि के बारे में बतायेंगी, ताकि इसका लाभ दुनिया के अन्य देशों के लोग भी उठा सके. बोर्ड के सम्मानित सदस्यों ने राजकुमारी श्रीध्रोन को नालंदा विवि में पढ़ाई शुरू करने और यहां पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था से रू-ब-रू कराया. लॉर्ड मेघनाद देसाई ने बैठक में बताया कि आज की इस दुनिया में समागम व मैत्री भाव का संदेश जायेगा. राजकुमारी श्रीध्रोन को यहां की पंच पहाड़ियों की हरी-भरी वादियां और खूबसूरत सौंदर्य खूब भाया. कन्वेंशन सेंटर से राजकुमारी को सामनेवाली बिल्डिंग दिखायी गयी और बताया गया किनालंदा विवि में वैकल्पिक छात्रवास के लिए पर्यटन विभाग का यह होटल तथागत को लिया गया है.
बैठक में चीन के पूर्व वित्त मंत्री डॉ जॉजियो, इंडोनेशिया के पूर्व विदेश मंत्री हशन विराजुदा, चाइना के लियो जोगयंग, एनके सिंह, सुगाता बॉस, हॉवर्ड विवि, बांग बोंगई, अनिल बाधवा, डीन अंजना शर्मा, डीएम पलका साहनी, एएसपी विभाष सिंह भी मौजूद थे.