पटना: सात मिनट पर एक महिला की मौत बच्चेदानी कैंसर से हो रही है. इसके लिए समाज में जागरूकता व स्क्रीनिंग की जरूरत है. हमारे समाज में किसी भी बीमारी के लिए स्क्रीनिंग प्रोग्राम नहीं चलाया जाता है.
इस कारण कैंसर जैसी बीमारी तेजी से बढ़ रही है. इसके लिए बाजार में वैक्सीन भी उपलब्ध है. लेकिन इसके प्रति भी जागरूकता का अभाव है. ये बातें शनिवार को आइजीआइएमएस क्षेत्रीय कैंसर सेंटर की ओर से आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए संस्थान के एमएस डॉ एसके शाही ने कहीं.
उन्होंने कहा कि महिलाओं में बढ़नेवाले कैंसर की जांच संभव है. इसे पहले स्टेज में पकड़ा भी जा सकता है, लेकिन हमारे यहां जांच के नाम से लोग भागते हैं, जिसके कारण बीमारी अंतिम समय में पकड़ में आती है. कोलकता से आये डॉ दिलीप कुमार राय ने कहा कि बच्चेदानी व स्तन कैंसर की पहचान समय पर हो जाये, तो इलाज पूरी तरह से संभव है. ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाली महिलाओं को कैंसर के लक्षण मालूम नहीं होते हैं. इस कारण वह बीमारी की पहचान नहीं कर पाती.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चेदानी का कैंसर जितनी तेजी से बढ़ रहा है. वहीं शहरी क्षेत्रों में रहनेवाली महिलाओं में स्तन कैंसर भी उतनी ही तेजी से बढ़ा है. क्षेत्रीय कैंसर सेंटर के विभागाध्यक्ष डॉ राजेश कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान में लगभग पांच लाख कैंसर मरीजों का इलाज हो रहा है. कैंसर से निबटने के लिए लोगों को जागरूक होना होगा. मौके पर मुकेश कुमार जोपे, डॉ संगीता पंकज, डॉ एके श्रीवास्तव, डॉ डीके राय, डॉ अपूर्वा सहित संस्थान के अन्य चिकित्सक मौजूद थे.