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भाजपा से हाथ मिलाने की तैयारी में लोजपा

पटना: लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में गंठबंधन की तसवीर साफ होने लगी है. जदयू के साथ भाकपा और माकपा होगी, तो दूसरी ओर राजद, लोजपा, कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे का पेच खत्म हो गया है. खबर है कि रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा अब भाजपा के साथ खड़ी होगी. भाजपा के शीर्ष […]

पटना: लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में गंठबंधन की तसवीर साफ होने लगी है. जदयू के साथ भाकपा और माकपा होगी, तो दूसरी ओर राजद, लोजपा, कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे का पेच खत्म हो गया है. खबर है कि रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा अब भाजपा के साथ खड़ी होगी. भाजपा के शीर्ष नेताओं से पासवान की बातचीत आखिरी दौर में है.

दूसरी ओर भाजपा ने गंठबंधन को विस्तार देते हुए उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के साथ तालमेल तय कर लिया है. रविवार को पटना में दोनों दलों के नेता इसकी औपचारिक घोषणा करेंगे. रालोसपा को भाजपा ने तीन सीटें दी हैं-नवादा, कटिहार और काराकाट. दूसरी ओर लोजपा यदि भाजपा के साथ आयी, तो उसे आठ सीटें दी जायेंगी. इनमें हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, मुंगेर प्रमुख सीटें हैं. इधर, कांग्रेस और राजद के चुनावी तालमेल पर मुहर लग गयी है. उनके साथ राकांपा भी होगी.

सीटों की संख्या को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद और लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान के बीच बढ़ती दूरियां अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गयी हैं. लोजपा सूत्रों की मानें, तो पार्टी अब भाजपा के साथ खड़ी होती दिख रही है. लोजपा में गंठबंधन को लेकर शनिवार की देर रात तक मंथन चलता रहा. बताया जाता है कि रामविलास पासवान खुद राजद और कांग्रेस के साथ गंठबंधन को इच्छुक थे. मगर, अब पार्टी की कमान उनके पुत्र चिराग पासवान के हाथों में है. कांग्रेस और राजद ने लोजपा को पांच सीटें देने का फैसला लिया था. लेकिन, लोजपा इतने से संतुष्ट नहीं दिख रही है. लोजपा सूत्रों के अनुसार, एक से दो दिनों में इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जायेगी. भाजपा के साथ जाने पर लोजपा को रामविलास पासवान के लिए हाजीपुर, रामचंद्र पासवान के लिए समस्तीपुर, चिराग पासवान के लिए जमुई सीट पक्की होगी. इनके अतिरिक्त रामा सिंह, सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी, महेश्वर सिंह के लिए भी सीट मिलने का रास्ता निकल आयेगा.

इधर, राजद और कांग्रेस में गंठबंधन की आधिकारिक घोषणा किसी भी समय हो सकती है. दोनों दलों में गंठबंधन के फॉमरूले पर सहमति बन गयी है. लोजपा के इस गंठबंधन से अलग होने पर अब राजद 27 लड़ेगा, जबकि कांग्रेस को 13 सीटें मिलेंगी. इनमें एक सीट कांग्रेस को राकांपा के लिए छोड़नी होगी. रविवार को गंठबंधन की घोषणा की उम्मीद है. कांग्रेस ने जता दिया है कि वह राजद की शर्त पर लोजपा या किसी अन्य दल से गंठबंधन नहीं करेगी. इधर, कांग्रेस-राजद गंठबंधन को लेकर जदयू वेट एंड वाच की स्थिति में है. 2009 में राजद ने कांग्रेस को महज तीन सीटें देने का निर्णय लिया था. इससे नाराज कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर लड़ने का फैसला किया था.

सीबीआइ के घेरे में रामविलास पासवान
भाजपा के साथ लोजपा की बढ़ती निकटता की खबर से सियासी भूचाल नजर आने लगा. शनिवार को खबर आयी कि सीबीआइ ने बोकारो स्टील प्लांट में नौकरी देने के मामले में सीबीआइ रामविलास पासवान पर शिकंजा कस सकता है. पासवान के स्टील मंत्री होने के समय बोकारो स्टील प्लांट में कई नौकरियां बड़े लोगों के बेटों में बांटी गयी थीं. जिन लोगों की नियुक्तियां हुई थीं, उनमें अधिकतर के पते के रूप में पासवान के दिल्ली स्थित सरकारी बंगले का नाम और नंबर अंकित है. अब सीबीआइ इस केस को जांच से कार्रवाई तक लाने की पहल कर रही है. राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि पासवान पर सीबीआइ का यह संकट उनकी कांग्रेस से बढ़ रही दूरी और भाजपा से बढ़ रही नजदीकियों के कारण आया है.

राजद पर बढ़ा टूट का खतरा
राजद और कांग्रेस में गंठबंधन की मुहर के साथ ही राजद पर टूट का खतरा मंडराने लगा है. मधुबनी, आरा और खगड़िया सीटों पर दावेदार राजद विधायकों की नाराजगी खुल कर सामने आ गयी है. शनिवार को राजद विधायक सम्राट चौधरी, राघवेंद्र प्रताप सिंह समेत पांच विधायकों के विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के कक्ष में देखे जाने से राजद में खलबली मच गयी है.

सूत्र बताते हैं कि राजद से अलग होनेवाले विधायक पार्टी छोड़ने पर दल-बदल निरोधक कानून की चपेट में नहीं आये, इसका पक्का आश्वासन चाहते हैं. जदयू की भी नजर राजद के नाराज नेताओं पर टिकी है. विधायक सम्राट चौधरी राजद के वरिष्ठ नेता शकुनी चौधरी के बेटे हैं. उनकी मंशा खगड़िया से चुनाव लड़ने की है, जबकि खगड़िया सीट कांग्रेस अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महबूब अली कैसर के लिए राजद से मांग रही है. इसी प्रकार राघवेंद्र प्रताप सिंह आरा से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं, जबकि मधुबनी से राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी राजद के दावेदार हैं. 2009 के लोकसभा चुनाव में सिद्दीकी महज साढ़े आठ हजार मतों से पराजित हुए थे और वह दूसरे नंबर पर थे. इस बार कांग्रेस मधुबनी की सीट मांग रही है. मधुबनी की सीट यदि कांग्रेस के खाते में गयी, तो राजद के लिए सिद्दीकी को रोक पाना मुश्किल होगा.

24 को दिल्ली पहुंचेंगे नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 24 फरवरी की रात्रि में दिल्ली पहुंचेंगे, जहां 25 फरवरी को उनकी मुलाकात भाकपा और माकपा नेताओं से होगी. इसी दिन फेडरल फ्रंट में शामिल 11 दलों के नेताओं से भी मुख्यमंत्री की मुलाकात होनेवाली है. इस बैठक में एक साथ चुनावी सभा करने और गैर भाजपा व गैर कांग्रेस फ्रंट बनाने पर सहमति बनेगी.

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