चेन्नई:प्रसिद्ध अधिवक्ता राम जेठमलानी ने उन दलीलों को आज खारिज कर दिया कि राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषियों को रिहा करने का फैसला करने में तमिलनाडु सरकार की तरफ से प्रक्रियागत चूक हुई और कहा कि यह ‘‘वास्तविक न्याय’’ का सवाल है. जेठमलानी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक तरफ आरोप लगाए जा रहे हैं. यह प्रक्रियागत अनियमितता का सवाल नहीं है बल्कि यह वास्तविक न्याय का सवाल है.’’
एमडीएमके नेता के साथ यहां पहुंचे जेठमलानी ने कहा, ‘‘उन्होंने आजीवन कारावास की सजा काटी है, यह साधारण नहीं है बल्कि आजीवन कारावास है जहां हर दिन मौत के साए में बीतता है. जो अतिरिक्त सजा थी और यह यातना है जिसे सभी सभ्य देशों ने मौत की सजा से छुटकारा पाने के लिए मान्यता दी है और मुझे उम्मीद है कि भारत पीछे नहीं रहेगा.’’ सात दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले पर उच्चतम न्यायालय के रोक लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरी अपनी राय है और अगर मैं पेश हुआ तो यही मैं कहना पसंद करुंगा.
मौत के साए के तहत आजीवन कारावास का प्रत्येक दिन आजीवन कारावास से पांच गुना अधिक की तरह है, जिसे वे पहले ही भुगत चुके हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि जयललिता ने जो करने का प्रयास किया है उसे वह जारी रखेंगी और उच्चतम न्यायालय में हमारी जीत होगी और सबकुछ ठीक हो जाएगा.’’