बोकारो: किताब से बढ़ कर कोई अच्छा मित्र नहीं हो सकता है. अध्ययन से अधिक आनंद दायक जीवन में कुछ नहीं है. वाणी की स्पष्टता, भाषा ज्ञान, आत्मविश्वास, विश्वस्तरीय शिक्षण व शिक्षा के लिए रीडिंग चैलेंज उपयोगी व लाभप्रद है. यह बातें कार्यशाला में प्राचार्य डॉ अशोक सिंह कही.
वह गुरुवार को रीडिंग चैलेंज कार्यशाला में बोल रहे थे. सेक्टर पांच स्थित चिन्मय विद्यालय के स्वामी तेजोमयानंद सभागार मेंब्रिटिश काउंसिल, आर्ट काउंसिल इंगलैंड व बीबीसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में काउंसिल के स्नेत अधिकारी मनीष गुप्ता ने कहा : बच्चों व युवाओं में विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक किताबों के प्रति रूझान व अभिरुचि पैदा करने के लिए कार्यशाला है.
इसकी रूप रेखा, विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थानों, आर्ट काउंसिल इंगलैंड व बीबीसी के निपुण शिक्षाविदों ने तैयार की है. वर्तमान में विद्यालयों व पुस्तकालयों के माध्यम से 110 से अधिक देशों में ‘रीडिंग चैलेंज’ चलाया जा रहा है. स्नेत अधिकारी अरिजिता सान्याल ने कहा : विभिन्न प्रकार के पुस्तकों का अध्ययन करने में बच्चों को आनंद आता है. उनका उत्साह व आत्मविश्वास ठोस होता है. व्यक्तित्व में निखार आता है. बच्चों में विषयों के प्रति उनकी समझ बढ़ती है. संचालन प्रभारी सोनाली गुप्ता ने किया. मौके पर बैजयंती रवींद्रनाथ (प्रभारी), गौतम नाग (प्रभारी), एम सत्यवती सहित विद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी मौजूद थे.