नयी दिल्ली : देश के पिछड़े राज्यों की पहचान करने और ऐसे राज्यों के विकास में उनकी मदद करने के उपाय सुझाने के लिए गठित की गयी रघुराम राजन समिति की सिफारिशों पर सरकार सक्रियता से विचार कर रही है.
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने लोकसभा में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे जनता दल यू सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि सरकार समिति की सिफारिशों पर सक्रियता से विचार कर रही है और इस संबंध में विभिन्न मंत्रालयों से सुझाव मांगे गये हैं.
इस मुद्दे को जनता दल यू सदस्य सुबह से ही सदन में उठा रहे थे और वे इस पर नारेबाजी करते हुए कई बार आसन के समक्ष भी आये. शून्यकाल में पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव और भाजपा के शाहनवाज हुसैन ने भी यह मसला उठाया था.
वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस संबंध में सदस्यों द्वारा रघुराम राजन समिति का जिक्र किए जाने पर केवल उससे संबंधित मुद्दे का जवाब दे रहे हैं.चिदम्बरम ने कहा कि पिछले साल उनके बजट भाषण के बाद रघुराम राजन समिति का गठन किया गया था जिसे देश के पिछड़े राज्यों की पहचान के लिए विशेष पैरामीटर सुझाए जाने और उनके विकास के लिए उपाय सुझाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी.
उन्होंने कहा कि समिति का गठन किसी राज्य विशेष के संबंध में नहीं किया गया था. उन्होंने बताया कि कुछ पैरामीटर की पहचान समिति ने सुझायी है जिसके आधार पर राज्यों की पहचान की जा रही है.वित्त मंत्री ने बताया कि इस संबंध में विभिन्न मंत्रालयों से भी सुझाव मांगे गए हैं और सरकार समिति की रिपोर्ट पर सक्रियता से विचार कर रही है.जदयू सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और फिर से अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गये और नारे लगाने लगे.