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धनबाद में 12 कारोबारियों के यहां रेड

धनबाद/रांची: आयकर विभाग के बिहार एवं झारखंड अन्वेषण विभाग ने बुधवार को धनबाद और पड़ोसी राज्य प. बंगाल के आसनसोल एवं कोलकाता में कुल 12 ठिकानों पर एक साथ छापामारी की. फर्जी कंपनी के माध्यम से 27 करोड़ रुपये काला धन जमीन में निवेश करने का मामला प्रकाश में आया है. राज्य के एक पूर्व […]

धनबाद/रांची: आयकर विभाग के बिहार एवं झारखंड अन्वेषण विभाग ने बुधवार को धनबाद और पड़ोसी राज्य प. बंगाल के आसनसोल एवं कोलकाता में कुल 12 ठिकानों पर एक साथ छापामारी की. फर्जी कंपनी के माध्यम से 27 करोड़ रुपये काला धन जमीन में निवेश करने का मामला प्रकाश में आया है. राज्य के एक पूर्व मंत्री के खिलाफ भी साक्ष्य मिले हैं.

छापामारी दल का नेतृत्व आयकर विभाग के अपर निदेशक संदीप राज, सहायक निदेशक रंजीत मधुकर और धनबाद के सहायक आयकर निदेशक राजीव कुमार कर रहे थे. आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि मेसर्स भावेश कोमो ट्रेडर्स एक फर्जी कंपनी है. उसी के माध्यम से विभिन्न लोगों ने 27 करोड़ रुपये का निवेश किया. 22 जुलाई, 2012 में नौ डीड के माध्यम से 77 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री करायी गयी. कंपनी के बारे में जांच के क्रम में पता चला कि उस कंपनी का कोई कारोबार नहीं है.

धनबाद में 12 कारोबारियों
दो सालों की ऑडिट रिपोर्ट में भी मामूली निवेश की बात सामने आयी है. इस कंपनी की कोई व्यावसायिक गतिविधियां भी नहीं है. इस कंपनी के दो डायरेक्टर में एक त्रिलोकी सिंह का कोई व्यवसाय नहीं है, जबकि दूसरे डायरेक्टर मानिक तिवारी का एक इंट भट्टा है. मानिक के घर जब छापामारी टीम गयी तो घर की हालत देख सब अचंभित रह गये कि इतनी बड़ी कंपनी के निदेशक का घर ऐसा! टीम जब वहां पहुंची तो मानिक तिवारी घर पर नहीं मिले.

भावेश कोमो ट्रेडर्स कंपनी में सुरेश अग्रवाल, राजेंद्र कुमार अग्रवाल, महेंद्र कुमार अग्रवाल, योगेंद्र कुमार अग्रवाल ने भी निवेश किया है . इनसे देर शाम तक विभाग के अधिकारियों ने पूछताछ की. इस जमीन की खरीदारी में तरुण कांति घोष ने पावर ऑफ एटर्नी लिया हैं, उनसे भी पूछताछ चल रही है. जमीन मालिक से भी पूछताछ चल रही है. जमीन मालिकों में अमीर कुमार पाल, विनय कुमार पाल, वीणा पाल हैं जबकि गवाहर कुंवर धर्मेश हैं. इन सबों से भी पूछताछ चल रही है.

आगे क्या होगा
सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग इसके बारे में छानबीन को आगे बढ़ाने के लिए अवर निबंधक से भी पूछताछ करेगी. इसके अलावा राज्य के पूर्व मंत्री से भी पूछताछ की जायेगी कि उन्होंने काला धन कहां से लगाया और फिर उसका टैक्स विभाग को क्यों नहीं दिया. पूछताछ के बाद 27 करोड़ रुपये का टैक्स इन लोगों से वसूला जायेगा. नहीं देने पर आगे की कार्रवाई होगी. सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में और भी रकम के निवेश का खुलासा हो सकता है.

कहां-कहां पड़े छापे

राजेंद्र कुमार अग्रवाल, महेंद्र कुमार अग्रवाल, योगेंद्र कुमार अग्रवाल (जोड़ाफाटक रोड), अशोक चौरसिया (मटकुरिया रोड), तरुण कांति घोष (तेली पाड़ा), सुरेश अग्रवाल (शास्त्री नगर, पश्चिम),अमीर पाल, विजय कुमार पाल, वाणी पाल (पुराना बाजार, पत्थर कोठी), धर्मेद्र सिंह, विनय कृष्ण पाल, मानिक तिवारी (धारकिरो, राजगंज). इसके अलावा आसनसोल में दो और कोलकाता में चार जगहों पर छापामारी गयी. सूत्रों ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में बजरंग अग्रवाल का नाम आया है, यह कंपनी भी पहले उन्हीं की थी बाद में इन लोगों ने ली.

और क्या-क्या मिला

छापामारी में अभी तक चार लॉकर और कुछ कैश के अलावा दस्तावेज मिले हैं. छानबीन चल रही है.

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