नयी दिल्ली: कोयला मंत्रालय ने झारखंड में एस्सार पावर लि. को आवंटित दो कोयला खदानों का आवंटन रद्द करने का आज निर्णय किया. यह उन 28 कोयला खदानों में शामिल हैं जिनका आवंटन रद्द करने की सिफारिश की गयी है.
कोयला मंत्रालय ने कंपनी को भेजे अलग पत्र में कहा है, ‘‘सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने झारखंड में अशोक करकाता तथा चकाला खदान रद्द करने की सिफारिश की है. आईएमजी की सिफारिश पर विचार किया गया और उसे 11 फरवरी 2014 को स्वीकार कर लिया गया.’’ एस्सार पावर को अशोक करकाता कोयला खदान के सदंर्भ में भेजे पत्र में मंत्रालय ने कहा, ‘‘हालांकि झारखंड उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के मद्देनजर आगे की कार्रवाई को स्थगित रखा गया है.’’
मंत्रालय ने चकाला कोयला खदान के संदर्भ में कहा, ‘‘आगे की कार्रवाई स्थगित की जाती है.’’ अंतर-मंत्रालयी समूह की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला किया गया. आईएमजी ने खदानों का आवंटन रद्द करने की सिफारिश की है.कोयला मंत्रालय एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कोयला खदान पर अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने 28 खदानों का आवंटन रद्द करने की सिफारिश की है. सरकार ने आईएमजी की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और इन कोयला खदानों का आवंटन रद्द किया जाएगा. ’’
जिन कोयला खदानों का आवंटन रद्द किया गया है, उसमें अदाणी पावर को आवंटित लोहारा पश्चिम तथा लोहारा एक्सटेंशन (ई) खदान, रामस्वरुप लौह उद्योग, आधुनिक कारपोरेशन, उत्तम गल्वा स्टील्स, हावड़ा गैस, विकास मेटल्स एंड पावर लि. तथा एसीसी को संयुक्त रुप से आवंटित मधुजोरे खदान शामिल हैं. a