मुंबई : पूर्व भारतीय विकेटकीपर सैयद किरमानी ने आज महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी का समर्थन करते हुए कहा कि विदेशी सरजमीं पर भारत के लगातार चौथी टेस्ट श्रृंखला गंवाने को अधिक तूल नहीं देना चाहिए क्योंकि प्रत्येक टीम बुरे दौर से गुजरती है. किरमानी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह कोई मायने नहीं रखता कि चार हार हो या पांच. प्रत्येक टीम इस दौर से गुजरती है. प्रत्येक व्यक्ति बुरी फार्म से गुजरता है. हमारी पूरी टीम बुरी फार्म से गुजर रही है. आप धोनी से उम्मीद नहीं कर सकते कि वह हमेशा सभी श्रृंखला जीते और सभी प्रारुपों में जीत दर्ज करे. यह गेंद और बल्ले के बीच की जंग है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह चिंता की बात नहीं होनी चाहिए. यह प्रत्येक के जीवन में होता है, सिर्फ खेल में ही नहीं. आप हमेशा फार्म में नही हो सकते.’’ भारत ने विदेशी सरजमीं पर अपनी पिछली चार टेस्ट श्रृंखलाएं गंवाई हैं. इसकी शुरुआत इंग्लैंड के हाथों 0.4 की शिकस्त के साथ हुई जबकि आज उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ 0.1 से हार का सामना करना पड़ा.
क्रिकेटर से गोल्फर बने 64 वर्षीय किरमानी ने चेम्बूर में प्रेजीडेंसी गोल्फ क्लब में कहा कि आलोचकों और प्रशंसकों को टीम के साथ धैर्यवान बनने की जरुरत है. किरमानी ने कहा, ‘‘यह प्रत्येक क्रिकेटर के साथ होता है और प्रत्येक टीम के साथ भी. आपको हार स्वीकार करनी होती है. आपको धैर्यवान होना होता है और आप ऐसे व्यक्ति की आलोचना नही कर सकते जिसने देश के लिए शानदार काम किया हो. वह खेल में कुछ आमूलचूल बदलाव लाया है और वह आगे बढ़कर अगुआई करता है.’’ यह पूछने पर कि क्या कोच डंकन फ्लेचर को बदले जाने की जरुरत है तो किरमानी ने कहा कि कोच की सफलता में बड़ी भूमिका नहीं होती. उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोच को सिर्फ पांच प्रतिशत श्रेय दूंगा. कप्तान और खिलाड़ी मैदान पर त्वरित फैसले करते हैं. कोच ड्रेसिंग रुप की चार दीवारों के बीच बैठा होता है और हालात को देखकर रणनीति और योजना बनाता है.’’