पटना: पटना जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर दो पर मंगलवार की सुबह 6.57 बजे हिमगिरि एक्सप्रेस डिरेल होने से बच गयी. शुक्र रहा कि डेढ़ फुट पटरी के टूटे रहने के बावजूद ट्रेन के 20 कोच सही सलामत गुजर गये, सिर्फ चार कोच का क्रॉस करना बाकी था. तब पटरी के टूटे होने की जानकारी मिली. तत्काल ट्रेन को शेंटिंग कराया गया और दो घंटे तक मेंटेनेंस वर्क चलने के बाद उसे ठीक किया जा सका. इसकी वजह से सुबह की कई ट्रेनों का ठहराव बाधित हुआ.
डेढ़ फुट टूटी थी पटरी : जम्मूतवी से हावड़ा जाने वाली 12332 डाउन हिमगिरी एक्सप्रेस सुबह प्लेटफॉर्म नंबर दो पर आयी. ट्रेन के ठहराव के बाद पटरी के टूटे रहने की जानकारी मिली. एरिया मैनेजर राजू कुमार को इसकी सूचना मिलते ही वे एएसएम बीपी सिंह व अन्य इंजीनियरों के साथ मौके पर पहुंच गये. ट्रेन के डिरेल नहीं होने से रेल प्रशासन ने राहत की सांस ली. पहले से ही लेट पहुंची हिमगिरी एक्सप्रेस इसकी वजह से दो घंटे और देर हो गयी.
कॉल डिटेल से हो रही बिचौलियों की पहचान
टिकट दलालों के साथ संबंध रखनेवाले रेलकर्मियों पर रेल प्रशासन की कड़ी नजर है. ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए उनके मोबाइल का कॉल डिटेल भी खंगाला जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, पिछले दिनों रेलकर्मियों की टिकट दलालों के साथ सांठ-गांठ की कई शिकायतें मिली थीं. इनमें से एक शिकायत की जांच में मामला सही पाये जाने पर रक्सौल के आरपीएफ प्रभारी तथा आरपीएफ (सीआइबी) के समस्तीपुर प्रभारी निरीक्षक का स्थानांतरण कर दिया गया.
दूसरे मामले में संदिग्ध टिकट दलाल का कॉल डिटेल चेक किया गया, तो पाया गया कि उसका संबंध रक्सौल में पदस्थापित मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक व आरक्षण लिपिक से है. जांच में दोनों कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पाये जाने पर उनके स्थानांतरण की कार्रवाई की जा रही है. सीपीआरओ ने बताया कि टिकट दलाल की धर-पकड़ के लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है.