11 साल में भी केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन नहीं तलाश पाया पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन
एचसीएल-आइसीसी के सुरदा स्थित भवन में अस्थायी रूप से संचालित केंद्रीय विद्यालय की उपलब्धियां बेमानी
1 अप्रैल 14 से स्कूल को बंद करने का फरमान जारी किया गया है
मुसाबनी : केंद्रीय विद्यालय सुरदा के बंद करने के आदेश से क्षेत्र के लोगों में मायूसी है. केवी सुरदा इस पिछड़े जनजाति बहुल तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थान के रूप में अपनी पहचान रखता है.
उक्त स्कूल को वर्ष 2003 में सिविल सेक्टर में खोला गया था. योजना के मुताबिक राज्य सरकार की ओर से केवी संगठन को स्कूल निर्माण के लिए भूमि एक वर्ष के अंदर देना था, लेकिन 11 वर्ष के बाद भी राज्य सरकार संगठन को स्कूल भवन निर्माण के लिए भूमि मुहैया नहीं करा पायी.
स्कूल अस्थायी रूप से एचसीएल-आइसीसी के सुरदा स्थित भवन में संचालित किया जा रहा है. स्कूल का भवन का समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण जजर्र हो गया था. 2010 में सीपीडब्ल्यूडी की टीम ने भवन के कुछ हिस्से को असुरक्षित घोषित कर इसकी मरम्मत करने की बात कही थी. स्कूल भवन संगठन का नहीं होने के कारण स्कूल भवन की मरम्मत केवी संगठन ने नहीं किया.
वहीं एचसीएल-आइसीसी प्रबंधन ने भी समय पर स्कूल भवन की मरम्मत के प्रति रुचि नहीं दिखायी और केवी संगठन के रांची क्षेत्रीय कार्यालय के उपायुक्त डी मणिवण्णन ने अपने पत्रंक संख्या 40116/12-13/केवी एस (आरएनसी) 3518, दिनांक 11 फरवरी 13 को सेफ्टी एवं सिक्यूरिटी प्रमाण पत्र राज्य सरकार द्वारा नहीं देने के कारण कक्षा एक में प्रवेश पर रोक लगा दिया तथा अन्य कक्षाओं में भी प्रवेश नहीं लेने का आदेश दिया. इसके कारण शैक्षणिक सत्र 12-13 में कक्षा एक में नामांकन नहीं लिया गया तथा 11वीं मानविकी में एक भी नामांकन नहीं हुआ.
उपायुक्त डी मणिवण्णन ने 7 फरवरी 14 को फिर से पत्र देकर सत्र 13-14 में नामांकन पर रोक सेफ्टी एवं सिक्यूरिटी प्रमाण पत्र के अभाव में लगायी. स्कूल में इसको लेकर चर्चा थी, क्योंकि कक्षा एक तथा दो एवं मानविकी संकाय में विद्यार्थी नहीं थे. इसी बीच संयुक्त कमिश्नर डॉ इ प्रभाकरण ने जिला प्रशासन द्वारा स्कूल के लिए सुरक्षित भवन एवं जमीन नहीं देने के कारण 1 अप्रैल 14 से स्कूल को बंद करने का फरमान जारी कर दिया.