कानपुर: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर प्रहार करते हुये केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने आज कहा कि जब से उन्होंने दिल्ली की सत्ता संभाली थी तब से वह सत्ता छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे, क्योंकि उन्होंने जो वायदे जनता से किये वह पूरे नहीं कर पा रहे थे. जायसवाल ने आज संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री या उनकी पार्टी के लोकसभा चुनाव लड़ने या न लड़ने से कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘केजरीवाल जब से सत्ता में आये थे वह भागने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि वह जानते थे कि दिल्ली की जनता से किये वायदे वह पूरे नहीं कर पायेंगे. उन्होंने कांग्रेस नेताओं और सरकार में बैठे नेताओं को बदनाम करने, उन पर आरोप लगाने की एक श्रृंखला चलाई थी उससे उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस उनसे समर्थन वापस ले लेगी. लेकिन जब उन्होंने देखा कि कांग्रेस समर्थन वापस नहीं ले रही है तो उनके पास सत्ता छोड़कर भागने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था.’’ उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल इस जनलोकपाल के मुद्दे को हल करना चाहते थे तो उन्हें दिल्ली के उप राज्यपाल से यह कहना चाहिये था, ‘‘अगर संवैधानिक तरीका यह है कि भारत सरकार से पूछने के बाद ही इस विधेयक को हम विधानसभा में लेकर जा सकते है तो आप को सात दिन का समय दिया जाता है कि आप सात दिन के अंदर केंद्र से स्वीकृति दिलाये.’’
जायसवाल ने कहा कि केजरीवाल उपराज्यपाल से बिना स्वीकृति की बात किये हुये इसे अंसवैधानिक तरीके से विधानसभा में लाने की कोशिश की, जिसे नजीब जंग कैसे इजाजत देते.इसलिये केजरीवाल के पास कोई रास्ता ही नहीं बचा था इस्तीफा देकर मैदान छोड़ने के अलावा. उन्होंने आरोप लगाया कि जनता से किये गये वायदे भी वह पूरे नहीं कर पा रहे थे और कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के बाद भी पार्टी समर्थन वापस नहीं ले रही थी तो अब वह किस मुद्दे पर इस्तीफा देते, इसलिये उन्होंने इस मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया.जायसवाल से पूछा गया कि केजरीवाल और उनकी पार्टी के लोकसभा चुनाव में आने से क्या कांग्रेस पर असर पड़ेगा इस पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर एक को चुनाव लड़ने का हक है जिसको नेता बनना है वह नेता बने और चुनाव लड़े.
जायसवाल से पूछा गया कि वह दिल्ली में दोबारा विधानसभा चुनाव की बात कर रहे है इस पर उन्होंने जवाब दिया कि इस बाबत फैसला उप राज्यपाल लेंगे, इस बारे में वह कौन होते हैं राय देने वाले. आईएमए के कार्यक्रम में बाद में जायसवाल ने कोल इंडिया द्वारा इंडियम मेडिकल एसोसिएशन कानपुर में बनने वाले आधुनिक ब्लड बैंक के लिये तीन करोड़ रुपये प्रदान करने का पत्र आईएमए अध्यक्ष डा आरती लाल चंदानी को सौंपा.