नयी दिल्ली : सोमवार को पेश होने वाला वित्त वर्ष 2014-15 का अंतरिम बजट निकट भविष्य में शेयर बाजार की दिशा को निर्धारित करेगा. विशेषज्ञों के अनुसार इसके अलावा वैश्विक संकेत, रुपये में उतार चढ़ाव और विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश का प्रतिरुप भी घरेलू शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे. वित्तमंत्री पी चिदंबरम अगले तीन माह में होने वाले आम चुनाव से पहले सोमवार को अंतरिम बजट प्रस्तुत करेंगे.
कोटक सिक्योरिटीज के प्राइवेट क्लायंट ग्रुप रिसर्च के प्रमुख दीपेन शाह ने कहा, लेखानुदान पर निवेशकों की निगाह होगी. उसके तहत बाजार राजकोषीय घाटे की रुपरेखा को समझने का प्रयास करेगा. साथ ही किसी क्षेत्र को अप्रत्यक्ष कर लाभ का बाजार पर असर हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार वृहत आर्थिक मोर्चे पर बाजार के कारोबारियों की नजर वित्तवर्ष 2014-15 के राजकोषीय घाटा लक्ष्य पर होगी क्योंकि ये लक्ष्य अगले वित्तवर्ष के लिए बाजार उधारी के आकार को निर्धारित करेंगे.
बोनान्जा पोर्टफोलियो लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश गोयल ने कहा, कुल मिलाकर निकट भविष्य का रख तेजी के मौके पर बिकवाली को प्रदर्शित करता है और जब तक निफ्टी 6,100 अंक के स्तर पर उपर निर्णायक तौर पर बंद नहीं होता, तब तक निवेशक हर तेजी के मौके पर मुनाफावसूली कर सकते हैं. आने वाले सप्ताह में निकट भविष्य के लिए 6,100 अंक का स्तर महत्वपूर्ण निर्णायक स्तर होगा और इस स्तर से उपर सूचकांक को अधिक लिवाली देखना पड़ सकता है. बंबई शेयर बाजार का सूचकांक पिछले सप्ताह इससे पूर्व सप्ताहांत के मुकाबले 9.74 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. यह लगातार तीसरा सप्ताह है जब गिरावट दर्ज की गयी है.
विदेशी निधियों से सतत पूंजी निकाले जाने के कारण मुख्यत: बाजार धारणा प्रभावित हुई. विदेशी संस्थागत निवेशक सप्ताह के दौरान 106.96 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे.बजट से पहले वर्ष 2014 में अभी तक भारतीय शेयर बाजार 800 अंक से भी अधिक गिर चुका है. बाजार सूत्रों ने कहा कि मई में होने वाला आम चुनाव सारी गतिविधियों का केंद्र होगा तथा इस चुनाव के नतीजे शेयर बाजार की दिशा को निर्धारित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे.
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