मुंबई: आयात, खास कर इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के आयात पर निर्भरता कम करने पर जोर देते हुये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने विनिर्माण क्षेत्र के विकास पर ध्यान दिए जाने पर आज बल दिया. उन्होंने कहा कि आयात पर संतुलित निर्भरता से छुटकारे और बेहतर समावेशी वृद्धि के लिये सेवा क्षेत्र के साथ साथ विनिर्माण क्षेत्र पर भी ध्यान देने की जरुरत है.
मोदी ने यहां 25वें नास्कॉम लीडरशिप सम्मेलन को वेबकास्ट के जरिये संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा ‘‘हमारे कुल आयात में इलेक्ट्रानिक्स के आयात हिस्सा काफी बड़ा है. हमें विशेष तौर पर रक्षा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में विनिर्माण कार्यों पर ध्यान देना चाहिये. सभी को साथ लेकर आगे बढ़ाने की समावेशी वृद्धि के लिये साफ्टवेयर के साथ हार्डवेयर क्षेत्र को भी प्रोत्साहन दिये जाने की जरुरत है.’’ मोदी ने कहा कि देश के समक्ष कई तरह की चुनौतियां हैं, इन चुनौतियों को बेहतर अवसरों में परिवर्तित किया जा सकता है. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) को उन्होंने बदलाव का एजेंट बताते हुये कहा कि इसमें देश में कई तरह से बदलाव लाने की ताकत है.
उन्होंने कहा ‘‘मैं आईटी को बदलाव के एजेंट की तरह देखता हूं. यह देश के अलग थलग पड़े हिस्सों को आपस में जोड़ सकता है और उन्हें भी ताकतवर बनाता है जिससे बेहतर तालमेल बनता है. आईटी आम लोगों को सरकार के साथ जोड़ता है. मांग और आपूर्ति के बीच के फासले को दूर करता है और हमें जानकारी के ज्यादा नजदीक पहुंचाता है.’’ भारतीय जनता पार्टी के इस वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश में समावेशी विकास की बात की जा रही है लेकिन इसके लिये आईटी के साथ ही समावेशी अवसंरचना की भी जरुरत है. उन्होंने कहा ‘‘हम देश को तेज समावेशी विकास के रास्ते पर लायेंगे.’’