नयी दिल्ली : अमेरिकी लेखक वेंडी डोनिगर की किताब द हिंदूज : एन अल्टरनेटिव हिस्टरी भारत से वापस लेने और उसकी प्रति नष्ट करने के फैसले पर आलोचना झेल रहे पेंग्विन इंडिया ने आज कहा कि अगर कानून असहिष्णु और प्रतिबंधात्मक हों तब भी उसपर उनके सम्मान का दायित्व है.
विवाद होने के दो दिन के बाद अपने बयान में प्रकाशक ने यह भी कहा कि अपने कर्मचारियों को धमकियों और प्रताड़ना से बचाने की उसकी नैतिक जिम्मेदारी है.
इस सप्ताह इस समझौता से चार साल की कानूनी कार्यवाही का अंत हुआ. : इस किताब के खिलाफ याचिका दायर करने वालों का आरोप था कि इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत होती हैं.
अदालत के बाहर हुए समझौते के बाद पेंग्विन सभी प्रतियां वापस लेने और नष्ट करने पर सहमत हुआ. साथ ही, उसने यह सुनिश्चित करने पर सहमति जताई कि छह महीने के भीतर देश से किताब पूरी तरह से हटा दी जाएगी.
प्रकाशक ने कहा, हमने किताब का हार्डकवर, पेपरबैक और ई-बुक संस्करण प्रकाशित किया. पेंग्विन ने कहा, किताब का अंतरराष्ट्रीय संस्करण भौतिक रुप में (हार्ड कॉपी) और डिजिटल रुप में उन भारतीय पाठकों को उपलब्ध रहेगा जो अब भी उसे खरीदने के इच्छुक हैं.