सहरसा: हर साल आयोजित होने वाले कोसी महोत्सव के प्रति इस बार पहले तो प्रशासन निद्रा में सोयी रही, फिर प्रभात खबर ने जगाया तो आनन-फानन में बैठक कर एक व दो मार्च की तारीख तय कर दी.
मंच को स्थानीय कलाकारों से भर देने का निर्णय ले लिया गया. हर बार की तरह मुंबइया स्थापित कलाकारों को बुलाने पर चर्चा तक नहीं की गयी. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कलाकारों के नहीं आने से महोत्सव अधूरा तो रहेगा ही, साथ ही साथ संस्कृति का आदान-प्रदान भी नहीं हो सकेगा. कुल मिलाकर जिला प्रशासन प्रमंडलीय कोसी महोत्सव के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा करने का निर्णय लेता दिख रहा है.
25 से 30 लाख का होता है बजट
कोसी महोत्सव में राष्ट्रीय स्थापित कलाकारों को नहीं बुलाये जाने का निर्णय लोगों को मान्य नहीं है. प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि महोत्सव का बजट 20 से 25 लाख रुपये का होता है. जिसमें एक बड़ी राशि बाहरी कलाकारों के लिए सुरक्षित होती है, लेकिन इस बार स्थानीय कलाकारों में ही रेवड़ी की तरह बांट अधिक से अधिक राशि के बंदरबांट करने की नीति बना ली गयी लगती है. लोगों का गुस्सा बैठक में शामिल हुए जनप्रतिनिधियों पर भी है, जिसने प्रशासन के बेतुका निर्णय का विरोध तक नहीं किया. सिर्फ पंडाल, गेट, मंच बना व कुछ सौ कुरसीयां लगा व चंद घंटों का कार्यक्रम कर लाखों का बिल बनाने की तैयारी की जा रही है.