जमशेदपुर: टाटा स्टील तकनीकी तौर पर दक्ष लोगों को ही नौकरी दे सकती है. यह दो टूक जवाब टाटा स्टील मैनेजमेंट ने दे दिया है. बुधवार को टिस्को टय़ूब निबंधित श्रमिक संघ के अध्यक्ष मोहन पांडेय के नेतृत्व में चल रहे अनशन को लेकर उपश्रमायुक्त एसएस पाठक ने त्रिपक्षीय वार्ता बुलायी थी. लेकिन वार्ता में मैनेजमेंट का एक भी अधिकारी तो नहीं आया अलबत्ता मैनेजमेंट ने डीएलसी को कड़ा पत्र लिखा है.
पत्र में मैनेजमेंट के एचआरएम लीगल व रिहेबिलिटेशन के सीनियर मैनेजर ने लिखा है कि टिस्को टय़ूब निबंधित श्रमिक संघ बाहरी संस्था है. कंपनी के साथ संघ का कोई संबंध ही नहीं है और न ही वे संघ के लोग कंपनी के कर्मचारी है, जिस कारण इस मामले में इंडस्ट्रीयल डिस्प्यूट एक्ट 1947 के अधीन यह मामला नहीं आता है. टाटा वर्कर्स यूनियन के साथ ही मैनेजमेंट हर मामले में बात करती है.
वीपी एचआरएम से डीएलसी ने की बातकिसी पदाधिकारी के नहीं आने पर डीएलसी एसएस पाठक ने वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी से दूरभाष पर बातचीत की. इस दौरान डीएलसी ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के बाद बहाली की व्यवस्था कराने की बात कहीं, जिस पर वीपी एचआरएम ने बातचीत करने का भरोसा दिलाया है.
अब यूनियन और प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन करेंगे
मैनेजमेंट ने जो पत्र लिखा है, वह काफी दु:ख पहुंचाने वाला है. लेकिन हम लोग इससे डरने वाले नहीं है. हमारा अनशन जारी रहेगा. आंदोलन अब यूनियन और मैनेजमेंट के खिलाफ संयुक्त रुप से किया जायेगा. हमलोग किसी भी हद तक जा सकते है. मोहन पांडेय, अनशनकारी
मंदी के बावजूद कंपनी ने दिया है रोजगार
पत्र में टाटा स्टील मैनेजमेंट ने कहा है कि मंदी के कारण कंपनी में रोजगार के अवसर काफी कम है. बावजूद टाटा स्टील मजदूरों को रोजगार देती आयी है. लेकिन कंपनी पूरी तरह तकनीकी तौर पर संचालित हो रही है. इसलिए दक्ष व्यक्ति को ही रोजगार दिया जा सकता है.साथ ही कंपनी हमेशा अपने कर्मचारी पुत्रों को नौकरी देती आयी है और आगे भी देगी. लेकिन आवश्यकता और योग्यता देखने के बाद ही. मैनेजमेंट ने टिस्को टय़ूब निबंधित श्रमिक संघ के धरना, अनशन, प्रदर्शन को गैर जरूरी और गैर वाजिब करार दिया है.