बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के कुलपति डॉ एम इस्तेयाक ने मंगलवार को विश्वविद्यालयों के अधिकारियों के साथ बैठक की और कार्यप्रणाली की जानकारी ली. बैठक में कुलपति ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर एमयू के अंगीभूत कॉलेजों में भी स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई शुरू कराने का प्रयास किया जाना चाहिए.
इससे एमयू कैंपस स्थित पीजी विभागों पर दबाव घटेगा और ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राएं पीजी की पढ़ाई कर सकेंगे. कुलपति ने कहा कि खेलकूद (स्पोर्ट्स) से जुड़े विद्यार्थियों का परिचय पत्र बनाया जाना चाहिए व खिलाड़ियों के अंगूठे का निशान लिया जाना चाहिए. इससे बाहरी लोगों के घुसपैठ पर रोक लग सकेगी. वीसी ने यह भी कहा कि एमयू कैंपस स्थित छात्रवासों में अवैध रूप से रह रहे छात्रों को बाहर किया जाना चाहिए. उनकी जगह जरूरतमंद विद्यार्थियों को कमरे आवंटित किया जाये.
बनेंगे पहचानपत्र
एमयू की कार्यशैली सहित लूक व अन्य कारणों का जिक्र करते हुए कुलपति ने यह भी निर्देश दिया कि यहां कार्यरत अधिकारी, शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों के परिचय पत्र बनाये जाये. इससे पहले वीसी को ध्यान दिलाया कि संबद्ध कॉलेजों के शासी निकायों द्वारा उनके कॉलेजों में की गयी नियुक्ति की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को न तो दी जा रही है और न ही उसका अनुमोदन कराया जा रहा है. इस कारण सरकार से कॉलेजों को उपलब्ध करायी गयी राशि के वितरण में समस्या उत्पन्न हो गयी है.
कॉलेज निरीक्षक डॉ जयराम प्रसाद ने 13 फरवरी को संबद्ध कॉलेजों के कर्मचारियों द्वारा एमयू पर किये जाने वाले धरना-प्रदर्शन की जानकारी भी वीसी को दी. इस पर कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत सभी कॉलेजों को नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. इसे सख्ती से लागू किया जाये. बैठक के दौरान संपदा पदाधिकारी रमेश प्रसाद ने वीसी से एमयू की जमीन से जुड़े मामले की भी जानकारी दी. वीसी ने उन्हें निर्देश दिया कि जमीन से जुड़ी समस्याओं का निपटारा करने में कोताही नहीं बरती जाये.
मगध विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ एमएस इसलाम ने बताया कि कुलपति कक्ष में हुई वीसी की पहली बैठक में सबसे पहले कुलसचिव डॉ डीके यादव ने सभी अधिकारियों का परिचय कराया व एमयू के कार्यपद्धति के बारे में बताते हुए कहा कि सीनेट, सिंडिकेट, एकेडमिक काउंसिल, वित्त समिति सहित 18 स्टैचुरी कमेटी द्वारा विभिन्न मामलों में निर्णय लिये जाते हैं. अंत में वीसी ने बुधवार को सभी पीजी विभागाध्यक्षों व वोकेशनल कोर्स के निदेशकों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया और बैठक में शामिल होने के लिए सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया.