कोलकाता: राज्यपाल एमके नारायणन के विधानसभा में दिये गये अभिभाषण को कांग्रेस को राजनीतिक दलील करार दिया, वहीं वाममोरचा ने अभिभाषण पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि इसमें केवल उलटी-पलटी बातें ही हैं.
वहीं सरकार ने राज्यपाल की बातों का बचाव किया. विधानसभा में विरोधी दल के नेता डॉ. सूर्यकांत मिश्र ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर वह विधानसभा में बहस के दौरान ही बोलेंगे.
संविधान के अनुसार राज्यपाल को विधानसभा में सरकार का भाषण पढ़ना होता है. उन्होंने वही किया, लेकिन वे लोग पूर्व में विपक्षी दलों की तरह व्यवहार नहीं करते हैं, हालांकि बजट में उलटी-पलटी बातें ही हैं. दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक दल के नेता मोहम्मद सोहराब ने कहा कि अभिभाषण में पूरे राज्य की आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक चित्र का चित्रण नहीं किया गया है. राज्य सरकार के भाषण को ही राज्यपाल को पढ़ना पड़ता है. इसमें अभिभाषण में नारी सुरक्षा व सारधा मामले की सीबीआइ मांग जैसी बातें नहीं हैं. केंद्र सरकार की परियोजना को राज्य में लागू किया जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार का कोई नाम नहीं है. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. मानस भुइंया ने कहा कि यह अभिभाषण पूरी तरह से राजनीतिक दलील है.
दुष्कर्म के मामले में राज्य दूसरे, हत्या के मामले में छठवें स्थान पर चल गया है, जबकि राज्यपाल का कहना है कि राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक है. पंचायत चुनाव के दौरान 2008 में 40 हत्याएं हुई थी, 2013 में यह बढ़ कर 60 हो गयी तथा विधानसभा चुनाव 2009 के दौरान कोई हत्या नहीं हुई थी तथा 2011 में एक की हत्या हुई थी. दूसरी ओर, संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में विकास की धारा बह रही है, लेकिन कांग्रेस व माकपा कुत्सा फैलाने व मिथ्या प्रचार कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने उन लोगों को खारिज कर दिया है, अगले चुनाव में और भी राज्य की जनता द्वारा वे खारिज कर दिये जायेंगे.